दोस्तों माता भगवती पूरी जगह की जननी है माता भगवती के अनेकानेक नाम है जैसे कि दुर्गा, देवी ,काली, अंबे ,जगदंबे ,शेरावाली ,जोता वाली ,लाटा वाली और आदि | माता भगवती ममता का प्रतीक है अपने बच्चों के दुखों को हरने वाली और मनोवांछित फल प्रदान करने वाली है |
त्योहारों में बात करें तो माता भगवती के साल में दो प्रमुख त्योहार होते हैं एक चैत्र मास में मनाए जाने वाले नवरात्रि इंग्लिश कैलेंडर अप्रैल और मार्च के बीच में हर साल आते हैं दूसरे अक्टूबर में आने वाले शारदीय नवरात्रि | इन दोनों नवरात्रों का विशेष महत्व इन नवरात्रों के त्योहारों का तब आगमन होता है जब भारत में रितु ओं का बदलाव आता है|
इस नवरात्रों में भक्तों मां भगवती की अनेक कराओके से उपासना करते हैं और प्रत्येक भक्त भक्त यही चाहता है कि वह मां अंबे को प्रसन्न करें उसका एक ही लक्ष्य है कि मां भगवती की प प्रसंता | दोस्तों हम आपको यह भी बता दें| विधि माता को प्रसन्न करने के लिए तो इंटरनेट पर अनेकानेक मिल जाएंगी और आपके और पंडित जी भी आपको बता देंगे लेकिन हम क्या आपको अलग बताने जा रहे हैं जो कभी आपने सुना ना हो दोस्तों तो यह सरल बात हमारे मुताबिक यह है :-
- * दोस्तों वक्त हर बार जब भी माता भगवती की पूजा करने के लिए सोचता है तो पहले उसके दिमाग में यही आता है किशोर उपचार विधि क्या होती है भगवती मां की पूजा की
- * हम आपको बता दें कि मां की सोच विचार पूजन विधि आपको यूट्यूब पर बहुत मिल जाएंगे लेकिन जो समय हमारे मुताबिक वह इस प्रकार है|
- *देखिए अन्य मार्ग की हम इज्जत करते हैं और हर विधि को हम सत्कार करते हैं
- *लेकिन हमारा मानना यह है कि मांका मतलब ही वात्सल्य और ममता होता है |
- * मां को रिझाने के लिए भक्तों को चाहिए कि जैसे वह अपनी मां को प्यार करता है जिसने उन्हें जन्म दिया उसी प्रकार से वह भगवती मां को भी प्यार करें| उसी तरह से वह मां की फिक्र करें मां को दुलार करें मां की सेवा करें| बस हमारा मानना है कि सच्चे मन से अगर कोई भक्त माता की इस प्रकार से पूजा अर्चना सेवा भक्ति करेगा तो माता अवश्य उसको दर्शन देंगे और उसकी मनोवांछित फल प्रदान करेगी|
- * भक्तों को अपने साफ सफाई का अवश्य ध्यान रखना चाहिए उसे हर रोज नहाना चाहिए नवरात्रों में|
- * खाने पीने का भी ध्यान रखें इस बात को अवश्य निश्चित कर ले कि वह सात्विक भोजन का हार करें इन नवरात्रों में अगर आप व्रत रख सकते हैं तो वह और बढ़िया है
- * अपने माता-पिता बड़ों का आदर सत्कार करें क्योंकि मां भगवती अपने माता-पिता और बड़ों में वास करती |
- * स्त्रियों का सम्मान करें|
- * माता भगवती का कौन से मंत्र का जप करें तो हम आपको यह बताते हैं कि माता भगवती के बहुत अनेकानेक मंत्र है उनका एक बीज मंत्र है ओम एम हरीम क्लेम चामुंडाए विच्चे |
- * लेकिन अगर आपको यह जितना भी कठिन लगता है तो हम आपको बता दें कि सरलता से बस मा मा पुकारे | या जय माता दी जय माता दी बोले बस मानो या ना मानो किसी से आपका काम बन जाएगा|
- * हो सके तो गो गरीब का भला करें |
निष्कर्ष :- दोस्तों हम आपको यह बता दें कि जो ऊपर बताई गई बातें हैं यह हमारे द्वारा बताई गई हैं इसका उल्लेख कहीं शास्त्र अनुसार नहीं है यह एक भक्तों की भावना है हमने अनिवार्य समझा | हमारा सीधा-सीधा यह बताने का लक्ष्य ही है कि हम चाहते हैं कि भक्त तरह-तरह की आधी व्याधि सरलता की माध्यम से मां को जाएं और मां के करुणा और वात्सल्य और प्यार का अनुभव करें | इस तरह पूजन करने का फैसला आखरी आपका है यह हमारा एक सुझाव था अगर आपको अच्छा लगा तो नीचे कमेंट में अवश्य बताएं धन्यवाद दोस्तों | और इसे अन्य के साथ भी शेयर अवश्य करें
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