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श्री गणेश चालीसा ||Jai Ganesh Jai Ganesh lyrics

||गणेश भजन||Shrikhand mahadev||

Shri hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj पूरी जानकारी

भजन संगरा

वैष्णो देवी का मंदिर जम्मू से किलोमीटर दूर त्रिकुट पर्वत प्रति स्थिति है याह एक प्रकृति गुफा मंदिर है यहां पहंचने के लिए कटरा से 6000 पेट ऊपर चढना पड़ता है गुफा की महतया है Read More 

स्तोत्रम

यशाश्विनी अनुसार वर्जित बातें प्रत्येक सनातन धर्मी पुरुष अथवा स्त्री को जान लेनी चाहिए क्योंकि इनके करने से व्यक्ति को विशेष तौर पर दोष लगता है|

हिमालये तू केदारं तं नमामि , सुनिए मंत्रमुग्ध कर देने वाला || द्वादश ज्योतिर्लिङ्ग स्तोत्रम् || स्वर – परम शैव पं. मृत्युंजय हिरेमठ जी केदारनाथ धाम

इन दिनों हम सभी लगभग दैनिक आधार पर तनाव, अस्वीकृति, असफलता, अवसाद और अन्य नकारात्मक शक्तियों का सामना करते हैं। ये जीने के आनंद को खत्म कर सकते हैं

सच्ची कथा

कबीर जी 15 सदी के के भारतीय मूल के संत अथवा कवि था | इनके बताये हुए भक्ति के पथ पर लोग आज व चलते है |इनका बताया हुए रास्ता भक्ति के आडंबरो से बिलकुल दूर है और इनके बताये |

नीम करोली बाबा, जिनका असली नाम नीम करोली बाबा निक्ले, एक प्रमुख भक्तिमार्गी संत थे जिन्हें हिंदू धर्म में महात्मा होने के रूप में सम्मान दिया जाता है।

दोस्तों बहुत से लोगों का यह प्रश्न होता है कि हम अपने घर में या घर के आगे या आस पास कौन सा वृक्ष लगाएं| किस वृक्ष लगाने से हमें हानि नहीं होगी और किसको लगाने से हमें लाभ होगा |

भगवान विष्णु जी के 108 नाम को #श्रीविष्णुष्टोत्तरशतनामावलिः अथवा विष्णु शतनाम स्तोत्र कहा जाता है | जगत का पालन भगवान श्री हरि विष्णु जी ही करते हैं।

सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी का जीवन मंगलमय बनें और कोई भी दुःख का भागी न बने।हे भगवन हमें ऐसा वर दो!

 जय शिव मंदिरों की श्रंखला भगवान शिव के वह मंत्र हैं जो व्यक्ति को  मनवांछित फल देने वाले आप उनकी मनोकामना को पूर्ण करने वाले हैं 

एक बार शीतला माता ने सोचा कि चलो आज देखूं कि धरती पर मेरी पूजा कौन करता है, कौन मुझे मानता है। यही सोचकर शीतला माता धरती पर राजस्थान के डुंगरी गाँव में आईं और देखा कि इस गाँव में मेरा मंदिर नहीं है, और ना ही मेरी पूजा होती है।

प्रत्येक शिव भक्तों को इस महाशिवरात्रि व्रत कथा के बारे में अवश्य ही पता होना चाहिए जिस दिन महाशिवरात्रि होती है 

एक साहूकार के सात लड़के और एक लड़की थी। एक बार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सेठानी सहित उसकी सातों बहुएं और उसकी बेटी ने भी