अलोपी देवी मंदिर | Alopi Devi Temple :->यह मंदिर जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर की दूरी पर आरोपी बाग में स्थापित है| शिव पुराण के 18 में भाग में इस स्थान का वर्णन है|
अलोपी देवी मंदिर | Alopi Devi Temple
जिस समय शंकर जी शक्ति के मृत शरीर को लेकर तांडव कर रहे थे तब मृत शरीर का अवशेष भाग हाथ का पंजा शिव के हाथ में शेष रहा जो इसी स्थान पर गिर गया था| और तुरंत आलोप हो गया| इसलिए इसका नाम अलोपी देवी हो गया। इस स्थान पर पुर्व में अनेक प्रकार के विशाल वृक्षों का भाग था घनी झाड़ियां थी|
इसलिए जगह का नाम अलोपी बाग हो गया| गर्भ ग्रह स्थान पर एक कुंड है |उस कुंड पर 10 वर्ग फीट का एक चबूतरा निर्मित है।
चबूतरे पर चांदी का पत्थर मढा हुआ है|
और उसी के ऊपर 10 फीट का मां का झूला लटका रहा है| माता के अतिरिक्त नव दुर्गा की प्रतिमा स्थापित है |यहां दुर्गा सप्तशती का पाठ चलता है तथा माता का शृंगार बहुत ही आकर्षक एक एवं दर्शनीय होता है |
प्रतिदिन प्रात से देर रात्रि तक भक्तों का तांता लगा रहता है| फल फूल प्रसाद की 50 दुकानें स्थाई रूप में लगी रहती है।
प्रतिवर्ष लगभग 20 से 25 लाख भकत दर्शन अर्चन -पूजन करते हैं।