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श्री काली देवी मंदिर पटियाला

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श्री काली देवी मंदिर पटियाला :->पटियाला रेलवे स्टेशन से आधा किलोमीटर दूर माल रोड पर यह काली मंदिर स्थापित है| इस मंदिर की स्थापना 17 वी शताब्दी में राजा करन सिंह द्वारा की गई है| चारों धाम की यात्रा के बाद सारे तीर्थ से ज्योति लेकर राजा ने इस स्थान पर काली मंदिर की स्थापना की और यहां कोलकाता के काली मंदिर की ज्योति स्थापित की।

श्री काली देवी मंदिर पटियाला | Shree Kali devi Mandir patiyala

गर्भ ग्रह के ऊपर दो शिखर है |एक छोटा और दूसरा उससे बड़ा | छोटे शिखर पर कमल का फूल चित्रित है| उसके ऊपर शिखर है| गर्भ गृह के बाहर छोटा सात मंजिला दीप स्तंभ है | यहां भक्तों द्वारा दीप जलाए जाते हैं |

मंदिर का शिखर गुरुद्वारा शैली में 25 फीट ऊंचा निर्मित है | शिखर पर पीतल का कलश और उसके ऊपर मां का लाल रंग का ध्वज लहरा रहा है| काली मंदिर के पीछे राजराजेश्वरी देवी का मंदिर है

जिसके चारों तरफ 15 फीट चौड़ी संगमरमर की परिक्रमा बनी हुई है |राजराजेश्वरी मंदिर 3 फीट ऊंचे चबूतरे पर स्थापित है | परिक्रमा के चारों और भक्तों के बेटे के लिए बरामदे बने हुए हैं।

काली देवी मंदिर और मूर्ति:-

काली देवी की 6 फीट ऊंची आकर्षक मूर्ति स्थापित है| माँ की चार भुजाएं हैं | सोने की जीभ बाहर निकली हुई है| सिर पर स्वर्ण मुकुट विराजमान है माता का शृंगार पुष्प मालाओं द्वारा प्रतिदिन किया जाता है |

जिस गर्भगृह में मां की मूर्ति स्थापित है वह संपूर्ण गर्भ ग्रह ग्रेनाइट पत्थरों से सजाया गया है| ऊपर की छत सुंदर फूल पत्तियों से पेंटिंग की गई है|

पटियाला जनपद में जितनी शादियां होती है वर-वधू सर्वप्रथम काली मंदिर में शीश नवाकर मां का आशीर्वाद लेते हैं | मंदिर के बाहर फल फूल एवं प्रसाद की 25-30 स्थाई दुकानें हैं|

मंदिर परिसर के पीछे की ओर लगभग 1 एकड़ का सरोवर और उसके चारों और पार्क बनाया गया है| प्रतिदिन 5 -7 हजार, शनिवार को 40 से 50 हजार दोनों नवरात्रि में दस लाख भगत आते हैं| 2 किलोमीटर लंबी लाइनें लगती है प्रतिवर्ष 35- 40 लाख भगत दर्शन करते हैं।

कालका मंदिर का खुलने का समय:-

मंदिर में 6 पुजारी और 45 कर्मचारी है मंदिर प्रात 5:00 बजे से रात्रि 11:00 बजे तक खुलता है।

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