ब्रह्मचारिणी – नवरात्रि के दूसरे दिन भगवती ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना की जाती है जो निरोग्यता प्रदान करती है यानी आपको बीमारियों से दूर रखती है | ब्रह्मचारिणी देवी का स्वरूप पूर्ण ज्योतिर्मय एवं भव्य | है इनके दाहिने हाथ में जप की माला तथा बाएं हाथ में कमंडल शो अभिमान है|
देव ऋषि नारद के उपदेश से इन्होंने कठिन तप करके भगवान शिव की को पति रूप में प्राप्त किया है-| माता ब्रह्मचारिणी की पूजा नवरात्रों में दूसरे दिन की जाती है इनकी पूजा का एक विशेष महत्व यह इनके अर्पणा उमा जैसे अनेक अनेक नाम है
माता की भक्ति भाव से की गई पूजा संपूर्ण परिवार निरोग सदा सुखी होता है
मनोकामना पूर्ण हेतु मां की मूर्ति स्थापना करके पंचोपचार विधि से पूजन करें तथा दूध से निर्मित नवैद्य मां को अर्पित करें| अखंड ज्योत रहे और 108 बार ॐ ब्रह्मचारिणी नमः का जप कर पाठ की समाप्ति करें |
माता ब्रह्मचारिणी का मंत्र :-
भगवती के द्वितीय स्वरूप माता ब्रह्मचारिणी के अनेक मंत्र है उनमें से जो यह मंत्र है इस प्रकार से माता को प्रसन्न करने वाला |
ॐ ब्रह्मचारिणी नमः
माता ब्रह्मचारिणी को किस चीज का भोग लगाएं :-
दूध से निर्मित नवैद्य मां को अर्पित करें
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