रक्षा बंदन क्यों मनाया जाता है | Raksha bandan kyu mnaya jata hai :->
राखी का इतिहास हमें महाभारत काल से मिलता है भगवन श्री कृष्ण जी की एक शुत देवी नाम की चाची थी | उसने शिशुपाल नमक एक बिकृत बचे को जनम दिया था | पंडित ,बिद्वान ब्राह्मण से पता चलता है | जिसके हाथ से यह बचा ठीक होगा उसी के हाथ से उसकी मृत्यु होगी|
एक दिन श्री कृष्ण जी अपनी चाची के घर मिलने आये थे जैसे हे शिशुपाल के माँ ने शिशुपाल को कान्हा जी के हाथ में दिया वह उसी वक़्त स्पर्श मात्र से ठीक हो गया वह एक दम सूंदर हो गया | शुत देवी अपने बालक में यह बदलाव देख के बहुत खुश होगई उसकी ख़ुशी की कोई सीमा नहीं रही|
तभी उसस्के मन में यह विचार आया की इस्की मौत तो उसी से हाथो से होंगी जिसके हाथो वह ठीक होगा यह विसहर एते हे वह विचलित हो गई|
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रक्षा बंदन क्यों मनाया जाता है | Raksha bandan kyu mnaya jata hai
1 वह भगवन श्री कृष्ण से प्राथना करने लगी :
तब शिशुपाल की माँ कृष्ण जी के सामने प्राथना करने लगी की अगर चाहे यह जितनी भी गलती करदे इसे सदः माफ़ करते रहना |अपने चाची की विनम्रता पूर्वक प्राथना सुन कर श्री कान्हा जी ने कहा में आपके कहने से शिशुपाल की 100 गलतिया माफ़ कर दूंगा |
परन्तु अगर उसने 100 गलतियों से ज्यादा गलतिया करदी में उसी कभी माफ़ नहीं करुगा |
2 शिशुपल बड़ा होकर :
शिशुपाल बड़ा होकर एक प्रान्त का राजा बन गया | वह बहुत क्रूरर था| वह इतना क्रूर था की वह अपनी प्रजा को व् बहुत परेशान करता | शिशुपाल कृष्ण जी का रिश्तेदार भी था पर लेकिन वह बार बार श्री कृष्ण का अपमान किया करता था |
परन्तु एक बार तो हद हे हो गई| जब शिशुपाल ने भरी सबह में भगवन श्री कृष्ण का अपमान क्र दिया | ड़याँलु भगवन श्री कृष्ण उसे माफ़ करते रहे | वह उसे तब तक माफ़ करते रहे जबतक उसकी 100 गलतियों का आंकड़ा पार नहीं होगया क्युकी शिशुपाल की माँ ने कृष्ण जी से वचन लिया था | की इसकी गलतिया माफ़ करते रहना|
3 शिशुपाल का वध :
कृष्ण जी की अनेक चनौतिया के बाद भी शिशुपाल ने अपना गुण नहीं छोड़ा | वह शाम जी बार बार अपमान और लज्जित करता रहा| इसका परिणाम अंततः श्री कृष्ण अपने सुदर्शन चक्र से उसका गलाह काट दिया जिसके कारण उससे अपने प्राण तियगने पड़े |
जब भगवन श्री कृष्ण जी सुदर्शन चक्र छोड़ रहे थे |तब उनकी ऊँगली पर भी लग गयी थी जिसकी वजह से उनकी ऊँगली में खून निकलने लगा|
4 द्रोपदी ने बाँदा कपडा :
जब भगवन श्री कृष्ण जी के ऊँगली में से खून रिस रहा था तब सबह के सभी उपस्तिथी कपडा ढूंढ़ने के लिया इधर उधर भागने लगे | तब पास ही कड़ी द्रोपदी शन मात्र का अभिलम्ब न करते हुए द्रोपदी ने सदी के पालू को फाड़ कर श्री कृष्ण जी उंगलियों पर भन्द्ने लगी| जिसकी वजह से भगवान की उंगलियों से बहता हुआ खून का रिसाव रुक गया|
भगवान तब इस को देख के कहते है शुक्रिया मारी बहना तूने मरे दुःख में साथ दिया में भी तेरे दुःख में तेरा साथ दुगा | यह कहकर द्रोपदी `को श्री कान्हा जी ने उसकी मदद करने का आश्वासन दिया था|इस घटना ने रक्षा बंदन का त्योहार का परभ शुरू हुए था | इस तरह इस सूंदर त्योहार को भाई बहन दूआपर युग से प्रेम पुर्बक मनाना शुरू कर दिया था |
5 इस साल रक्षाबंदन की तिथि :
रक्षाबंधन का त्योहार 22 अगस्त, रविवार को मनाई जाएगी| हिन्दू पंचांग के अनुसार, राखी हर साल श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि को बांधी जाती है|
निष्कर्ष :
रक्षा बंदन क्यों मनाया जाता है | Raksha bandan kyu mnaya jata hai :- रक्षा बंधन आने वाला है. ये सुनकर ही बहुत सी बहनों के चेहरों में खुशी झलक जाती है. और हो भी क्यूँ न ये भाई बहन का रिश्ता ही कुछ ऐसा होता है किसे की शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है. ये रिश्ता इतना ज्यादा पवित्र होता है की इसका सम्मान पूरी दुनियाभर में किया जाता है.|हमें भी इस त्योहार को बड़े प्रेम पुर्बक और श्रद्धा से मनाना चाहिए |