भोजन मंत्र |Bhojan Mantra ->दोस्तों हमें यह पूर्ण विचार करना चाहिए हम किसका खा रहे है हमारे इस जग में कुछ भी नहीं है हम को भोजन देना वाला वह ऊपर वाला है| और उसको उदर में पचाता भी वोही है| हमें ईश्वर को सदैव याद रखना चाहिए अगर भोजन पावे तो एक दम शांत मन से प्रभु को याद करते पावे उसके साथ साथ प्रभु का नाम मन में चले |
सदैव भोजन करने से पहले इस मंत्र का जप करना अति लाबदायिक है | जब व् भोजन पावे इसे अवश्य याद करे|
भोजन मंत्र |Bhojan Mantra
ब्रह्मार्पणं ब्रह्महविर्ब्रह्माग्नौ ब्रह्मणा हुतम्।
ब्रह्मैव तेन गन्तव्यं ब्रह्मकर्म समाधिना।।
ॐ सहनाववतुसहनौ भुनक्तु सहवीर्यं करवावहै तेजस्विनावधीतमस्तु मा विद्विषा वहै ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः
अन्न ग्रहण करने से पहले
विचार मन मे करना है
किस हेतु से इस शरीर का
रक्षण पोषण करना है
हे परमेश्वर एक प्रार्थना
नित्य तुम्हारे चरणों में
लग जाये तन मन धन मेरा
विश्व धर्म की सेवा में ॥