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मां हरसिद्धि देवी | Harsiddhi mata temple

  • Aarti

मां हरसिद्धि देवी | Harsiddhi mata temple :-> दोस्तों उज्जैन के पास एक बहुत ही प्राचीन और अति पवित्र स्थानों में से एक हरसिद्धि देवी का मंदिर विशेष तौर पर महत्व रखता है| यह देवी सम्राट विक्रमादित्य की आराध्य देवी मानी जाती है स्कंद पुराण के अनुसार प्राचीन काल में 2 अक्षरों चरण और प्रचंड ने अपने प्रबल पराक्रम का आतंक सारी पृथ्वी पर फैलाया हुआ था|

मां हरसिद्धि देवी | Harsiddhi mata temple

उन्होंने अपना बल कैलाश पर भी आजमाया यह देश भगवान शिव ने चंडी का स्मरण किया| देवी के प्रकट होने पर शिवजी ने दानों का वध करने का आदेश दिया| जब उन दानों का वध हो गया तो भगवान शिव ने माता चंडी देवी को आशीर्वाद दिया कि वह सतलोक में तुम्हारा नाम होगा और वह नाम हरसिद्धि के नाम से प्रसिद्ध होगा शिवपुराण के मुताबिक सती की कोहनी कायस्थान है जिसका नाम हरसिद्धि है|

उज्जैन के मंदिरों में harsiddhi maa माता प्रमुख है यहां पर माता सरस्वती और माता लक्ष्मी की प्रतिमाओं के बीच में माता हरसिद्धि की प्रतिमा स्थित है| मंदिर के नीचे महाकाली की मूर्ति है और  दाएं बाएं काल भैरव की मूर्ति विराजमान है|

ग्रंथों के अनुसार किस शक्ति पीठ कोशिश भी कहा गया है यहां पर विक्रमादित्य ने उनका दर्शन किया था 11 बार अपना से अर्पित किया और 11 बार फिर उनके शरीर में जुड़ गया |

आज मंदिर में रखा हुआ है शिव पुराण के अनुसार शिव अपनी पत्नी सती की जलती पार्थिव दक्ष प्रजापति की जल्दी से उठा कर ला रहे थे तब स्थान पर उनकी कोहनी गिरी थी| यह स्थान तंत्र सिद्धि हेतु उपयुक्त है|

कैसे दिखती है मां की प्रतिमा :-

दोस्तों को मां की प्रतिमा अति सुंदर अति दिव्य चांदी के मुकुट लाल रंगों से अलंकृत है| harsiddhi mata देवी के पीछे अन्नपूर्णा देवी जी हैं बाएं दाएं हाथ पर शिव जी के चित्र हैं द्वार पर पीतल का पत्र चढ़ा हुआ है| मां का दरबार अति अलंकृत अनेक रंगों से सुशोभित जड़े संगमरमर पत्थर से सुसज्जित है| मंदिर द्वार से एक गोल गुंबद का बना हुआ है सभी देवी देवताओं की पत्थर की मूर्तियां स्थापित है मंदिर प्रांगण में एक विशाल बरामद बना हुआ है तथा एक पीपल का वृक्ष लगा हुआ है|

अन्य उपयुक्त जानकारी :-

दोस्तों मैं यह बताना चाहता हूं आपको कि आश्विन और चैत्र मास की जब नवरात्रि आते हैं तो 9:00 9 दिन यहां पर बहुत बड़ा उत्सव होता है दोस्तों 51 शक्तिपीठों में से 26 स्थान  माता हरसिद्धि देवी का है मंदिर का क्षेत्रफल 1000 मीटर है प्रतिवर्ष लगभग 10 12 लाख दर्शन करने यहां आते हैं|

मार्ग परिचय:-

उज्जैन से इंदौर 55,

 पैसेंजर दिल्ली 776,

भोपाल 188,

देहरादून 954,

ग्वालियर 455,

कन्याकुमारी 2051

की दूरी पर स्थित है यहां का निकटतम  रेलवे स्टेशन पूजन एवं हवाई अड्डा इंदौर है|

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