मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल | Mere Lakhan Dulare Bol Kachhu Bol lyrics :-> भक्त को भगवान से और जिज्ञासु को ज्ञान से जोड़ने वाला एक अनोखा अनुभव। तिलक प्रस्तुत करते हैं दिव्य भूमि भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों के अलौकिक दर्शन। दिव्य स्थलों की तीर्थ यात्रा और संपूर्ण भागवत दर्शन का आनंद।
मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल | Mere Lakhan Dulare Bol Kachhu Bol lyrics
मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल
मत भैया को रुला रे बोल कछु बोल
भैया भैया कह के भैया भैया कह के
रस प्राणों में घोल
मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल
इस धरती पे और ना होगा
मुझ जैसा हत भागा
मेरे रहते बाण शक्ति का
तेरे तन में लागा
जा नहीं सकता तोड़ के ऐसे
मुझसे नेह का धागा
मैं भी अपने प्राण तजूँगा
आज जो तू नहीं जागा
अंखियो के तारे अखियों के तारे
लल्ला अंखियाँ तू खोल
मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल
मत भैया को रुला रे बोल कछु बोल
बीती जाए रेन पवनसुत
क्यों अब तक नहीं आए
बुझता जाए आस का दीपक
मनवा धीर गंवाए
सूर्य निकलकर सूर्य वँश का
सूर्य डुबो ना जाए
बिना बुलाये बोलने वाला
बोले नहीं बुलाये
चुप चुप रहके चुप चुप रह के
मेरा धीरज ना तौल
मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल
मत भैया को रुला रे बोल कछु बोल
मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल
मत भैया को रुला रे बोल कछु बोल
भैया भैया कह के भैया भैया कह के
रस प्राणों में घोल
मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल
मेरे लखन दुलारे बोल कुछ बोल….