मां सिद्धिदात्री की आरती | Siddhidatri Mata Aarti :->जय सिद्धिदात्री माँ तू सिद्धि की दाता आरती देवी सिद्धिदात्री को समर्पित है। देवी सिद्धिदात्री माता पार्वती के नौ अवतारों में से एक हैं और नवरात्रि के नौवें दिन उनकी पूजा की जाती है।
मां सिद्धिदात्री की आरती | Siddhidatri Mata Aarti
जय सिद्धिदात्री ,
ओम जय सिद्धिदात्री ।
सर्व सुखो की जननी ,
रिद्धि सिद्धिदात्री ।।
ओम जय सिद्धिदात्री ।।
अनिमा गरिमा लघिमा ,
सिद्धि तिहारी हाथ ।
तू अविचल महामाई ,
त्रिलोकी की नाथ ।।
ओम जय सिद्धिदात्री ।।
शुम्भ निशुम्भ विडारे ,
जग है प्रसिद्ध गाथा ।
शास्त्र भुजा यानि धरक ,
चक्र लियो हाथा ।।
ओम जय सिद्धिदात्री ।।
तेरी दया बिन रिद्धि ,
सिद्धि न हो पाती ।
सुख समृद्धि देती ,
तेरी दया पाती ।।
ओम जय सिद्धिदात्री ।।
दुःख दरिद्र विनाशिनी ,
दोष सभी हरना ।
दुर्गुणों को संघारके ,
पावन माँ करना ।।
ओम जय सिद्धिदात्री ।।
नवदुर्गो में मैया ,
नवम तेरा स्थान ।
नौवे नवरात्रे को ,
करे सब ध्यान ।।
ओम जय सिद्धिदात्री ।।
तुम ही जग की माता ,
तुम ही हो भरता ।
भक्तो की दुःख हरता ,
सुख संपत्ति करता ।।
ओम जय सिद्धिदात्री ।।
अगर कपूर की ज्योति ,
आरती तुम गाये ।
छोड़ के तेरा द्वार ,
और कहा जाये ।।
ओम जय सिद्धिदात्री ।।
सिद्धिदात्री माता ,
सब दुर्गुण हरना ।
अपना जान के मैया ,
हमपे कृपा करना ।।
ओम जय सिद्धिदात्री ।।
जय सिद्धिदात्री ,
ओम जय सिद्धिदात्री ।
सर्व सुखो की जननी ,
रिद्धि सिद्धिदात्री ।।
ओम जय सिद्धिदात्री ।।