Mahashivratri 2023 दोस्तों आज हम आपको इस तरह आपने भगवान शिव की पूजा करनी है क्या पूजा विधि होगी किस समय किस प्रहर में भगवान शिव की पूजा की जाएगी | इसके बारे में हम आपको संपूर्णता विवरण जानकारी देने का प्रयास करेंगे|
भगवान शिव के नाम का सरल अर्थ है कल्याण | कल्याण यानी किसी भी जीव जंतु व्यक्ति विशेष कोई भी हो जो भी भगवान शिव की शरण में जाता है वह भगवान शिव उसका कल्याण अवश्य करते हैं|
भगवान शिव का एक नाम और है भोलेनाथ यानी चतुराई से दूर | भगवान शिव को वहीं भक्त अत्यंत प्रिय होते हैं जो सरल और सादगी से भरे होते हैं|
भगवान शिव तो भक्त के एक लोटा की जलधारा से भी प्रसन्न हो जाते हैं यह बात अवश्य जान ले मित्रों की भगवान शिव की पूजा में भाव श्रद्धा एक का स्थान रखती है| अगर आप भगवान शिव को एक पत्ता बेलपत्र सचिव भाव से भी अर्पण करेंगे तो आपको अन्य पदार्थों को अर्पण करने की भी जरूरत नहीं होगी| आपका काम वैसे ही बन जाएगा|
मित्रों अगर आप चाहते हैं कि आप धर्म अर्थ काम मोक्ष की प्राप्ति चाहते हैं और तंदुरुस्त रहें मस्त रहें सभी कार्यों में प्रगति हासिल करें | आपको करना होगा एक कल्याणकारी उपाय |
=> अब क्या करना है एक चांदी का लोटा लेना है उसमें पंचामृत डालकर भगवान शिव का अभिषेक करना पंचामृत जो आपको तैयार करना है और शिवलिंग पर दूध ,दही ,शहद, देसी गाय का घी, शहद और शक्कर |
अमृतसर सूर्या से 45 मिनट पहले और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद के बीच में अर्पण करना है शिवलिंग पर | समय प्रदोष काल का होता है | इस काल में अगर आप भगवान शिव की पूजा-अर्चना करेंगे तो आपकी मनोकामना पूर्ण होगी | भगवान शिव की पूजा उपासना में भक्तों को काले और नीले कलर के कपड़े नहीं पहने चाहिए| शिव भगवान को सफेद रंग अत्याधिक प्रिय है भक्तों को चाहिए कि इस दिन सफेद रंग के कपड़े पहने|
शिव पूजा सामग्री | Shiv Pujan Smagri
दोस्तों यह शिव पूजन की सामग्री की सूची है जो आपके समक्ष यदि गई है जब भी शिवपूजन कहीं पर भी होता है तो वहां पर इस समग्री के साथ पूजन किया जाता है| इस सूची को लेने से पहले एक बार अपने विप्र से जरूर दिखा ले
- लकड़ी की चौकी
- शिवलिंग या पंच धातु से बनी मूर्ति
- तंबूलम – पान, सुपारी, दक्षिणा और एक भूरे रंग के नारियल से बनी भूसी को दो भागों में तोड़ दिया जाता है।
- चंदन का पेस्ट
- कच्चे चावल
- पवित्र राख
- पूजा और आचमनिया करने के लिए पंच पत्र स्टील से बचें।
- सभी प्रसाद की व्यवस्था के लिए ट्रे
- पवित्र धागा
- कलाव
- गुलाल
- कपड़े के तीन ताजे अप्रयुक्त टुकड़े (अधिमानतः सफेद) – एक चौकी को ढंकने के लिए, एक भगवान शिव को वस्त्र चढ़ाने के लिए और दूसरा अभिषेक के बाद मूर्ति को पोंछने के लिए।
- पंचामृत (वैकल्पिक)। इसके लिए आपको एक केला, शहद, मिश्री (चीनी क्रिस्टल), घी, किशमिश चाहिए।
- अभिषेक के लिए – गंगाजल, जल, शहद, घी, दूध और दही। आप अभिषेक तभी कर सकते हैं जब आप शिव लिंग या भगवान शिव की मूर्ति का उपयोग कर रहे हों)।
- पूजा क्षेत्र की सफाई के लिए गंगाजल
- विभिन्न अनुष्ठानों के लिए पानी
- एक तेल का दीपक
- दीये के लिए तिल का तेल या सरसों का तेल या घी
- एक माचिस
- कपास की बत्ती
- आरती के लिए कपूर
- इत्र
- पुष्पम (धतूरा के फूल, सफेद मुकुट के फूल, गुलाब, रजनीगंधा या कोई अन्य फूल)। आप इनमें से सभी या इनमें से कोई एक फूल चढ़ा सकते हैं।
- धूप
- नैवेद्य
- फल । आप एक फल भी चढ़ा सकते हैं।
- विल्वा। यह सबसे महत्वपूर्ण प्रसादों में से एक है।
- सूखे मेवे – सूखे खजूर और अन्य सूखे मेवे
conclusion :- जय महाशिवरात्रि के शिव पूजन की सामग्री हम आपको इसकी पूरी सूची नीचे दी है पूजा करने से पहले एक विद्वान ब्राह्मण से अवश्य सलाह लें उनके मार्गदर्शन में ही भगवान शिव की सही ढंग से अनुष्ठान से पूजा करें| अगर आप ऊपर दिए गए उपाय को अगर करेंगे भी उसका आपको लाभ ही होगा नुकसान ने धन्यवाद दोस्तों इस को और शिव भक्तों के पास भी शेयर करें |
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