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Kishori Kuch Aisa Intjaam Ho Jaaye Lyrics

किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए | Kishori Kuch Aisa Intjaam Ho Jaaye lyrics :->Song:- Kishori Kuch Aisa Intzaam Ho Jaye Album:- Meri Kishori Radhey Label:- Vipul Music Music – Bijender Singh (Chauhan) Producer – Vipul Krishan Goswami

किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए | Kishori Kuch Aisa Intjaam Ho Jaaye Lyrics

राधा साध्यम साधनं यस्यं राधा
मंत्रो राधा मंत्र दात्री च राधा
सर्वम राधा जीवनम यस्य राधा
राधा राधा वाचिकीम तस्य शेषंम।
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए
जुबां पे राधा राधा राधा नाम हो जाए।

जब गिरते हुए मैंने तेरे नाम लिया है
तो गिरने ना दिया तूने मुझे थाम लिया है
श्री राधे श्री राधे।
तुम अपने भक्तो पे कृपा करती हो श्री राधे
उनकों अपने चरणों में जगह देती हो श्री राधे
तुम्हारे चरणों में मेरा मुकाम हो जाए
माँगने वाले खाली ना लौटे
कितनी मिली ख़ैरात ना पूछो
उनकी कृपा तो उनकी कृपा है
उनकी कृपा की बात ना पूछो

बृज की रज में लोट कर यमुना जल कर पान
श्री राधा राधा रटते या तन सों निकले प्राण
गर तुम ना करोगी तो कृपा कौन करेगा
गर तुम ना सुनोगी तो मेरी कौन सुनेगा

डोलत फिरत मुख बोलत मैं राधे राधे
और जग जालन के ख्यालन से हट रे

जागत सोवत पग जोवत में राधे राधे
रट राधे राधे त्याग उरते कपट रे

लाल बलबीर धर धीर रट राधे राधे
हरे कोटि बाधे रट राधे झटपट रे
ऐ रे मन मेरे तू छोड़ के झमेले सब
रट राधे रट राधे राधे रट रे

श्री राधे इतनी कृपा तुम्हारी हम पे हो जाए
किसी का नाम लूँ जुबा पे तुम्हारा नाम आये

वो दिन भी आये तेरे वृन्दावन आयें हम
तुम्हारे चरणों में अपने सर को झुकाएं हम
ब्रज गलिओं में झूमे नाचे गायें हम
मेरी सारी उम्र वृन्दावन में तमाम हो जाए
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए
जुबां पे राधा राधा राधा नाम हो जाए

वृन्दावन के वृक्ष को
मर्म ना जाने कोई
डार डार और पात पात में
श्री श्री राधे राधे होए
अरमान मेरे दिल का मिटा क्यूँ नहीं देती
सरकार वृन्दावन में बुला क्यूँ नहीं लेती
दीदार भी होता रहे हर वक्त बार बार
चरणों में अपने हमको बिठा क्योँ नहीं लेती

श्री वृन्दावन वास मिले
अब यही हमारी आशा है
यमुना तट छांव कुंजन की
जहाँ रसिकों का वासा है
सेवा कुञ्ज मनोहर निधि वन
जहाँ इक रस बारो मासा है
ललिता किशोर अब यह दिल बस
उस युगल रूप का प्यासा है
मैं तो आई वृन्दावन धाम
किशोरी तेरे चरनन में।
किशोरी तेरे चरनन में
श्री राधे तेरे चरनन में
ब्रिज वृन्दावन की महारानी
मुक्ति भी यहाँ भारती पानी
तेरे चन पड़े चारो धाम
किशोरी तेरे चरनन में
करो कृपा की कोर श्री राधे
दीन जजन की ओर श्री राधे

मेरी विनती है आठों याम
किशोरी तेरे चरनन में
बाँके ठाकुर की ठकुरानी
वृन्दावन जिन की रजधानी
तेरे चरण दबवात श्याम
किशोरी तेरे चरनन में
मुझे बनो लो अपनी दासी
चाहत नित ही महल खवासी
मुझे और ना जग से काम
किशोरी तेरे चरणन में
किशोरी इस से बड कर
आरजू ए दिल नहीं कोई
तुम्हारा नाम है बस दूसरा साहिल नहीं कोई
तुम्हारी याद में मेरी सुबहो श्याम हो जाए
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए
जुबां पे राधा राधा राधा नाम हो जाए।

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