जय दुर्गे जय दुर्गे | Jaya Durge Daya Durge :->जब जीव पूर्ण गुरु द्वारा ब्रह्मज्ञान प्राप्त कर ईश्वर की ध्यान-साधना में उतरता हैं तब उसकी चेतना जाज्वल्यवान हो उठती है, उसके भीतर दैवी शक्तियों का पुँज जागृत होता हैं |
और फिर ऐसे शक्तिसम्पन्न जागृत साधक ही अपने ज्ञान के तेजपुँज से समाज की आसुरी शक्तियों का संहार कर समाज कल्याण में अपना योगदान दे पाते है|
जय दुर्गे जय दुर्गे | Jaya Durge Daya Durge lyrics
जय दुर्गे जय दुर्गे
महिषविमर्दिनी जय दुर्गे
जय दुर्गे जय दुर्गे
महिषविमर्दिनी जय दुर्गे ।
मंगलकारिणी जय दुर्गे
जगज्जननी जय जय दुर्गे
मंगलकारिणी जय दुर्गे
जगज्जननी जय जय दुर्गे ॥
वीणापाणिनी पुस्तकधारिणी
अम्बा जय जय वाणी
जगदम्बा जय जय वाणी ॥
वीणापाणिनी पुस्तकधारिणी
अम्बा जय जय वाणी
जगदम्बा जय जय वाणी ॥
वेदरूपिणी सामगायनी
अम्बा जय जय वाणी
जगदम्बा जय जय वाणी ॥
वेदरूपिणी सामगायनी
अम्बा जय जय वाणी
जगदम्बा जय जय वाणी ॥
Jaya Durge Daya Durge Pdf
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