विश्वकर्मा आरती | vishwakarma ji ki aarti :-> जय विश्कर्मा भगवान की आरती जो व्यक्ति सुनता है उसके सभी कार्य सिद्ध और सफल होते हैं
विश्वकर्मा आरती | vishwakarma ji ki aarti
जय श्री विश्वकर्मा प्रभ
जय श्री विश्वकर्मा
सकल सृष्टि के करता
रक्षक स्तुति धर्मा
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु
जय श्री विश्वकर्मा
आदि सृष्टि मे विधि को
श्रुति उपदेश दिया
जीव मात्र का जग में
ज्ञान विकास किया
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु
जय श्री विश्वकर्मा
ऋषि अंगीरा तप से
शांति नहीं पाई
ध्यान किया जब प्रभु का
सकल सिद्धि आई
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु
जय श्री विश्वकर्मा
रोग ग्रस्त राजा ने
जब आश्रय लीना
संकट मोचन बनकर
दूर दुःखा कीना
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु
जय श्री विश्वकर्मा
जब रथकार दंपति
तुम्हारी टेर करी
सुनकर दीन प्रार्थना
विपत सगरी हरी
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु
जय श्री विश्वकर्मा
एकानन चतुरानन
पंचानन राजे
त्रिभुज चतुर्भुज दशभुज
सकल रूप साजे
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु
जय श्री विश्वकर्मा
ध्यान धरे तब पद का
सकल सिद्धि आवे
मन द्विविधा मिट जावे
अटल शक्ति पावे
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु
जय श्री विश्वकर्मा
श्री विश्वकर्मा की आरती
जो कोई गावे
भजत गजानांद स्वामी
सुख संपति पावे
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु
जय श्री विश्वकर्मा
सकल सृष्टि के करता
रक्षक स्तुति धर्मा
Vishwakarma ji ki aarti PDF
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25/10/2022
विश्वकर्मा देव भगवान ब्रह्मा के पुत्र थे| वह ब्रह्मा के ही अंश है लेकिन स्वयं ब्रह्मा नहीं