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Vat savitri puja vidhi 2023 : इस विधि से पूजा करने से मिलेगा  शुभ फल

Vat savitri puja vidhi 2023

वट सावित्री पूजा विधि | Vat savitri puja vidhi 2023 :->इस पूजा को करने से पहले सुबह जल्दी उठकर स्नानादि कर कर  तैयार हो जाएं  और एक दिन पहले ही अपने हाथ पर मेहंदी लगा  ले |  नई चूड़ियां अपने हाथ में पहन ले  |  लाल पीले रंग का विशेष महत्व होता है तो हो सके तो लाल या पीले रंग की साड़ी ही पहने | 

सुबह जल्दी तैयार हो जाएं कोशिश करें कि सोलह सिंगार करें अगर सोलह सिंगार ना कर पाए तो आप जो भी शृंगार थोड़ा बहुत कर सकते हैं तो उसे करें |

अगर आप बट वृक्ष की पूजा करना चाहते हैं तो यहां तो आप वट वृक्ष के पास जाकर उनकी पूजा करें  अथवा आप बट वृक्ष की एक पौधा गमले में लगाकर   कर सकते हैं |

Vat savitri puja vidhi 2023  वट वृक्ष की पूजा विधि आगे लिखी हुई है

1:  सबसे पहले तो आप गंगाजल से  अपना शुद्धिकरण और अपने स्थान का शुद्धिकरण करें | आप आसमान लेकर अपने आपको भी शुद्धीकरण करें |

2:  अगर आप घर में पूजा कर रहे हैं तो कलश स्थापना अवश्य करें जिसमें आम के पत्ते रखकर ऊपर दिया प्रज्वलित करें |

3:  ध्यान दें  आप दीपक पहले प्रज्वलित करें | पूजा करने से पहले 

4:  अगर आप घर में पूजा कर रहे हैं तो आप दोस्त पारी लेकर एक गणेश जी बनाने और एक गौरी मैया बना ले |

5:  फिर आप विशेषकर उस गौरी गणेश को एक स्थान दें या तो आप बट पुलिस के 1 पत्ते के ऊपर उनको विराजमान करके उनको स्थान  दे |

6:  आप गौरी गणेश का आह्वान करेंगे फिर तीनों   देव ब्रह्मा विष्णु महेश का भी आह्वान करेंगे क्योंकि वटवृक्ष के बीच में उन तीनों का निवास होता है

7:  आव्हान करने के बाद आप उनके उनका स्नान करवाएंगे

8:  उसके बाद हम वटवृक्ष को एक लोटा जल चढ़ाएंगे |

9:   यह भी नहीं मैं आपको घर में पूजन करने की बता रहा हूं अगर आप मंदिर में पूजा कर रहे हैं तो आपको गौरी गणेश की स्थापना अथवा आवाहन नहीं करना |

10:   उसके बाद आप हल्दी ,कुमकुम, अक्षत से गौरी गणेश का तिलक करें |

11:   बट वृक्ष को एकदम लाल कपड़ा   अर्पण करें और साथ में मौली भी अर्पण करें  इस दिन साथ में सावित्री और सत्यवान की पूजा भी होती है कपड़ा चढ़ाना अनिवार्य है|

12:   इसके बाद पूजा की सामग्री और सुपारी से बनाए हुए गौरी गणेश के ऊपर  इत्र का छिड़काव करें |

13:   इसके बाद आप गौरी गणेश को तिलक करें और अपनी मांग को 5 बार उस दूर से भरे |

14 :  अलग-अलग स्थानों पर अपनी अपनी परंपरा है आप अपनी परंपरा के मुताबिक |  सर्वमान्य  जो विधि है वह हम आपके समक्ष रख रहे हैं|  हम फिर कह रहे हैं कि अगर आप घर में और बाहर पूजा करने में बहुत फर्क है घर में पूजा करने के लिए गौरी गणेश का आवाहन करना पड़ता है बाहर इस चीज को नहीं करना पड़ता |

15:-    इसके बाद आपको श्रृंगार का सामान  जो भी आपकी समर्थ है उस उसको आपने वटवृक्ष के गमले के पास रख देना है अगर आप बाहर पूजा कर रहे हैं तो आपको बस जिस बर्तन में यह सारा स्मारक है उसका स्पर्श करा देना है|

उसके बाद आप इसका दान या तो ब्राह्मण को करें अथवा किसी जरूरतमंद को करें या अपनी ननद और अपनी सास को भी कर सकते हैं इसमें से कुछ सिंगार का सामान एक आधा अपने पास ही रखें|

16:  इस बात का भी ध्यान रखें जब आप बर्ड्स मित्र की पूजा कर रहे हो तो आप पूजा के समय आपके पास कुछ प्रसाद अवश्य होना चाहिए हो सके तो आप भीगे काले चने अपने पास रखें | और इंजनों के प्रसाद को आप पूजा करते समय वृक्ष के समक्ष भी रखें यानी चढ़ा दें फिर उसके बाद जो प्रसाद आपके पास बजेगा उसको घर ले जाकर अपने सभी परिवार के सभी सदस्यों को प्रसाद को दें और अपने पति को भी अवश्य खिलाएं| अपने-अपने स्थानों पर अलग-अलग तरीके का प्रसाद बंद है जो भी आपके साथ विशाल बनता है उस प्रसाद को ही आप बनाए और उसका सेवन करें

17 :  पूजा करने वाली स्त्री फल अथवा मिठाई भी चढ़ा सकती है|

18: उसके बाद आपको 1 जिन्यू को भी चढ़ाना है|

19:  उसके बाद आप एक  सूत  का धागा ने उसके ऊपर हल्दी  के साथ आपको वटवृक्ष की फेरी लगानी है| आप 5,7,108  फेरी लगा सकते हैं | फेरी लगाने के बाद आपको वही उसको जोड़ देना है| इससे पहले आप इस बात का ध्यान रखें कि आपको बर्थडे के ऊपर पंखी से हवा देनी है |  ध्यान रखें कि फेरी  लगाते समय धागा टूटे नहीं वह शुभ माना जाता है इसीलिए उतनी ही फेरी  लगाएं इतनी आप लगा सकते हैं

20:   ध्यान रखें जो धागा होता है सूट का वह थोड़ा सा कच्चा होता है  इसलिए आप 5  पहले फिर लगा लेना  उसके बाद उसको बांधने बांधने के बाद आप अपनी मां की परिक्रमा को पूर्ण करें| अखंड सौभाग्यवती भावा दिखाई दे रहे  परिक्रमा करते वक्त आपके हाथ में अवश्य यहां तो भीगे हुए चने हो या मूंगफली |

21 : 2 पंखे अपने पास रखें एक दान करने के लिए और एक हवा जोड़ने के लिए इसका सीधा मतलब यह है कि आपके पति के जीवन में सदैव  खुशहाली रहे |

21:    पूजा होने के बाद आपको करना यह है कि  आप अगर बाहर हैं पूजा कर रहे हैं तो आप वहां पर बड़ा हो उससे अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद लेना है | घर में है तो आप अपने घर में जो बड़ा है उससे खंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद लेना है| आपने जो प्रचार होगा वह और  मौली और तिलक अपने पति को बांधना है और तिलक करना है | और जो एक पंखी बची होगी उससे उनको हवा करनी है और उनके पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त करना |

दोस्तों यह हमने आपके समक्ष वट वृक्ष पूजा विधि रखी है यह कुछ हर स्थान पर अपने-अपने तरह की पूजा की जाती है | यह जो सर्वमान्य पूजा है जो ज्यादातर लोग जिसको अपनाते हैं वह भी हमने आपके समक्ष रखी है और जो लोग नहीं जानते हैं उनको बताने का प्रयास करें | अगर किसी प्रकार की फिर भी हमसे छोटी हो गई हो तो क्षमा करें हमने अपनी तरफ से पूरा प्रयास आपको मदद करने का  करा है 

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