तिलक क्यों लगाते हैं | Tilak Kyu Lagate hai :->ऐसी धारणा है कि टीका लगाना एक धार्मिक रसम है। तथ्य से तो परिचित होंगे ही कि चंदन का तिलक आज्ञा चक्र को शीतलता प्रदान करता है।
तिलक क्यों लगाते हैं | Tilak Kyu Lagate hai
दन का तिलक जहां आप के ललाट को शीतलता प्रदान करता है वही यह इसे शक्ति भी पहुंचाता है। अत्यधिक गर्मी से ललाट गर्म हो जाता है। वस्तुत बढ़ी हुई है गर्मी शरीर के भीतर अनेक प्रकार के कष्ट उत्पन्न कर सकती है। इस गर्मी का शमन करने के लिए माथे पर चंदन व उसका टीका लगाने का चलन प्रारंभ हुआ।
ऐसी मान्यता है कि 2 लोगों के मध्य ललाट पर जिस स्थान पर टीका लगाया जाता है वहां तीसरा नेत्र स्थित होता है। ऐसी मान्यता है कि ना के आसपास के क्षेत्रों में दो प्रकार की तरंग धैर्य विद्यमान होता है। इनमें से एक वेवलेंथ की प्रकृतिक गर्म और दूसरी की शीतल होती है। इन वेवलेंथ के मध्य ऊर्जा की धारा गुजरती है।
तो किस प्रक्रिया से गर्मी उत्पन्न होती है। चंदन शरीर के भीतर बड़ी हुई इस गर्मी को शांत करता है। आपने देखा होगा बहुत से लोग चंदन का टीका माथे से अतिरिक्त भाजपा जाओ और सीने पर भी लगाते हैं। चंदन के टीके की तरह आपके सर्वा हल्दी का टीका लगा सकते हैं।
यह भी शरीर के विभिन्न अंगों की गर्मी का संबंध करने में उपयोगी है। इसके प्रभाव भी गुणकारी है। कृतिका अथवा बिंदिया आज का सीधा संबंध में सेक्स कैसे होता है? कि दोनों देशों के बीच आगे चक्र स्थित है।
इस चक्र पर ध्यान केंद्रित करते पर साधक का मन पूर्ण शक्ति संपन्न हो जाता है। क्षेत्र की जनता ने करें। तिलक लगाने से आज्ञा चक्र जागृत होता है। इसके अतिरिक्त तिलक सम्मान सूचक भी है। दिल लगाने से धार्मिकता का आभास भी होता है।
भस्म का तिलक क्यों लगाते हैं? :->
एक प्रकार से देवताओं का प्रसाद समझे। वो के लिए देवताओं को चढ़ाया गया मिष्ठान आदि और प्रसाद होती है। ऐसी प्रसाद है जो खाया नहीं जाता बल्कि अलर्ट में हम शरीर में लगाई जाती है।