देवी तालाब मंदिर| Devi Talab Mandir :->यह शक्तिपीठ टांग रोड मंदिर मार्ग पर जालंधर के रेलवे स्टेशन से 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थापित है। अभिषेक मुखी देवी का मंदिर है। यह मंदिर खत्म इंजन शक्तिपीठों में एक है। सती देवी का वाहन यही गिरा था।
देवी तालाब मंदिर| Devi Talab Mandir | त्रिपुरमालिनी मंदिर | Tripurmalni mandir
देवी के मंदिर में पीठ स्थान पर स्थान मूर्ति कपड़े से ढकी रहती है। और धातु निर्मित मुख मंडल बाहर रहता है। इस शक्तिपीठ को स्थल पीठ भी कहा जाता है। यहां की शक्ति त्रिपुरमालिनी तथा भैरव भीषण है। होली के बीच बड़ा सरोवर है। सरोवर के मध्य पुल में होकर वैष्णो देवी के मंदिर से पहुंचते हैं। गर्म ग्रह में सिंह पर सवार चतुर्भुज वैष्णो देवी विराजमान है।
मंदिर का शिखर लगभग 30 फीट ऊंचा और शेखर को बता लिस्ट किलो सोने के पत्रों से सज्जित किया गया है। वैष्णो देवी के बाई तरफ माता त्रिपुर वाली देवी का आदि शक्ति पीठ है। मंदिर के गौरव गृह में डेढ़ फीट ऊंची माता की मूर्ति स्थापित है। गौरव भारत माता के शीश पर मुकुट है। पुष्प मालाओं से नित्य सिंगार किया जाता है।
मंदिर परिसर में शिव मंदिर महालक्ष्मी सरस्वती वैष्णो देवी गुफा नाथ गुफा महाकाली मंदिर शीतला माता श्री राम मंदिर हनुमान मंदिर एवं यज्ञशाला स्थापित है। पार्किंग की विशेष सुविधाएं है। मंदिर में महाराजा रणजीत सिंह कई बार आए थे। उन्होंने मंदिर को बहुत सारी जमीन है दान में दी थी। मंदिर को पूर्व निर्माण 1970 में मंदिर कमेटी गठित करके किया गया था।
इस तीर्थ में परशुराम वशिष्ठ जमदग्नि आदि महा ऋषि यों ने शक्ति की उपासना की थी। इस मंदिर में जगतगुरु स्वामी माधवाश्रम जगतगुरु स्वामी स्वरूपानंद जगतगुरु श्रृंगेरी मठ स्वामी निरंजन देव तीर्थ एवं अन्य बहुत से विशिष्ट संत महात्मा जो राजनेता पधार चुके हैं।
त्रिपुरमालिनी मां 108 सिद्ध पीठों में भी है। निंजा पंजा शक्तिपीठों में भी है। और 108 रोग जो क्लासिक पागल सरोवर में भी इस देश का बड़ा स्थान है। स्पीड की अधिष्ठात्री देवी की शक्ति काली तारा और त्रिपुरा है। तेरे बिस्तर पीठाधीश्वर श्री श्री बृजेश्वरी की मुख्य मानी जाती है। इन्हें विद्या रागी भी कहते हैं। इस मंदिर को देवी तला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। सल्फेट में विद्या राखी के चक्र तथा आज्ञा त्रिपुरा की पिंडी की स्थापना है।
वीर में सभी पर्व आयोजित किए जाते हैं। मंदिर कमेटी द्वारा गौशाला अस्पताल हरीवल्लभ संगीत सम्मेलन 3000 व्यक्तियों का भोजनालय विद्यालय धर्मशाला आज का संचालन किया रहा जा रहा है। प्रतिवर्ष 1000 से अधिक शादी विवाह संपन्न होते हैं। मंदिर में पुजारी 20 एवं कर्मचारी 5:00 बजा है। मंदिर परिसर लगभग 20 एकड़ में है। प्रतिवर्ष 35 40 लाख भक्त दर्शन करते हैं।
दिशा :- चंदन से अमृतसर 70। लुधियाना 70। दिल्ली 362। लखनऊ 862 किलोमीटर दूर है। निकट रेलवे स्टेशन जालंधर है।