Shankar Teri Jata Se lyrics :–> यह भोलेनाथ का प्रिय भजन पूज्य राजन जी द्वारा एक राम कथा में गायन किया गया है इसको सुनने मात्र से शिव भक्तों के हृदय में प्रेम का विशाल सागर उमड़ पड़ता है
Shankar Teri Jata Se lyrics
शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा,
काली घटा के अंदर,
जु दामिनी उजाला,
शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा ॥
गल में मुंड माला की साजे,
शशि भाल में गंग विराजे,
डम डम डमरू बाजे,
कर में त्रिशूल धारा,
शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा ॥
भृग में तीन है तेज विसारे,
कटीबंद में नाग सवारे,
कहलाते कैलाश पति ये,
करते जहाँ विसारा,
शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा ॥
शिव के नाम को जो उच्चारे,
सबके पाप दोष दुःख हारे,
सारी श्रष्टि के दाता ये,
भव से पार उतारे,
शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा ॥
शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा,
काली घटा के अंदर,
जु दामिनी उजाला,
शंकर तेरी जटा से,
बहती है गंग धारा ॥
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