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राधिका गोरी से | Radhika gori se lyrics

  • Bhajan
राधिका_गोरी_से_Radhika_gori_se_lyrics

राधिका गोरी से | Radhika gori se lyrics —> यह खूबसूरत भजन विनोद अग्रवाल जी द्वारा गायन किया गया है ! इसमें लेखक नेह राधा माँ और कान्हा जी के बचपन की रास लीला का वर्णन बहुत सूंदर तरीका से किया गया है

राधिका गोरी से | Radhika gori se lyrics

राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से
मैया करादे मेरो ब्याह
राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से
मैया करादे मेरो ब्याह

राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से
मैया करादे मेरो ब्याह
राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से
मैया करादे मेरो ब्याह

उम्र तेरी छोटी है नजर तेरी खोटी है
कैसे करा दु तेरो ब्याह
उम्र तेरी छोटी है नजर तेरी खोटी है
कैसे करा दु तेरो ब्याह

जो नही ब्याह करये तेरी गैया नही चरऊ
आज के बाद मेरी मैया तेरी देहाली पर ना आऊ
आयेगा रे मजा रे मजा अब जीत हार का

राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से
मैया करादे मेरो ब्याह
राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से
मैया करादे मेरो ब्याह
राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से ,
मैया करादे मेरो ब्याह,
उम्र तेरी छोटी है नजर तेरी खोटी है ,
कैसे करा दु तेरो ब्याह,

जो नही ब्याह करे तेरी गैया नही चराऊ॥
आज के बाद मेरी मैया तेरी देहली पर ना आऊ,
आऐगा, रे मजा, रे मजा, अब जीत हार का,
राधिका गोरी ……

चंदन की चौकी पर मैया तुज को बिठाऊँ,
अपनी राधा से मै चरण तेरे दबावू,
भोजन मै बनवाऊँगा, बनवाऊँगा छप्पन प्रकार के,
राधिका गोरी …

छोटी सी दुल्हनिया जब अंगना में डोल्ले गी,
तेरे सामने मियाँ वो गुंगत नही खोले गी,
दाऊ से जा कहो बेठे गे जाके दवार पे
राधिका गोरी ……

सुन बातें कान्हा की मैया बैठी मुस्काए,
यह के मियाँ मियाँ हिवडे से अपने लगये
नजर कहि लग जाए, ना लग जाए, न मेरे लाल को,

जो नही ब्याह करये तेरी गैया नही चरऊ
आज के बाद मेरी मैया तेरी देहाली पर ना आऊ
आयेगा रे मजा रे मजा अब जीत हार का

राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से
मैया करादे मेरो ब्याह
राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से
मैया करादे मेरो ब्याह
राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से ,
मैया करादे मेरो ब्याह,
उम्र तेरी छोटी है नजर तेरी खोटी है ,
कैसे करा दु तेरो ब्याह,

जो नही ब्याह करे तेरी गैया नही चराऊ॥
आज के बाद मेरी मैया तेरी देहली पर ना आऊ,
आऐगा, रे मजा, रे मजा, अब जीत हार का,
राधिका गोरी ……

चंदन की चौकी पर मैया तुज को बिठाऊँ,
अपनी राधा से मै चरण तेरे दबावू,
भोजन मै बनवाऊँगा, बनवाऊँगा छप्पन प्रकार के,
राधिका गोरी ……

छोटी सी दुल्हनिया जब अंगना में डोल्ले गी,
तेरे सामने मियाँ वो गुंगत नही खोले गी,
दाऊ से जा कहो बेठे गे जाके दवार पे
राधिका गोरी ……

सुन बातें कान्हा की मैया बैठी मुस्काए,
यह के मियाँ मियाँ हिवडे से अपने लगये
नजर कहि लग जाए, ना लग जाए, न मेरे लाल को,

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