Skip to content
Home » श्री कुबेर चालीसा | Kuber Chalisa lyrics

श्री कुबेर चालीसा | Kuber Chalisa lyrics

  • chalisa

श्री कुबेर चालीसा | Kuber Chalisa lyrics :->श्री कुबेर चालीसा – व्यापार वृद्धि एवं धन प्राप्ति हेतू – Shree Kuber Chalisa – Satyendra Pathak

श्री कुबेर चालीसा | Kuber Chalisa lyrics

** दोहा **
जैसे अटल हिमालय*
और जैसे अडिग सुमेर ।
ऐसे ही स्वर्ग द्वार पे*
अविचल खडे कुबेर **

विघ्न हरण मंगल करण*
सुनो शरणागत की टेर ।
भक्त हेतु वितरण करो*
धन माया के ढेर **

** चौपाई **
जै जै जै श्री कुबेर भण्डारी ।
धन माया के तुम अधिकारी **

तप तेज पुंज निर्भय भय हारी ।
पवन वेग सम सम तनु बलधारी **

स्वर्ग द्वार की करें पहरे दारी ।
सेवक इंद्र देव के आज्ञाकारी **

यक्ष यक्षणी की है सेना भारी ।
सेनापति बने युद्ध में धनुधारी 4

महा योद्धा बन शस्त्र धारैं ।
युद्ध करैं शत्रु को मारैं **

सदा विजयी कभी ना हारैं ।
भगत जनों के संकट टारैं **

प्रपितामह हैं स्वयं विधाता ।
पुलिस्ता वंश के जन्म विख्याता **

विश्रवा पिता इडविडा जी माता ।
विभीषण भगत आपके भ्राता 8

शिव चरणों में जब ध्यान लगाया ।
घोर तपस्या करी तन को सुखाया **

शिव वरदान मिले देवत्य पाया ।
अमृत पान करी अमर हुई काया **

धर्म ध्वजा सदा लिए हाथ में ।
देवी देवता सब फिरैं साथ में **

पीताम्बर वस्त्र पहने गात में ।
बल शक्ति पूरी यक्ष जात में 12

स्वर्ण सिंहासन आप विराजैं ।
त्रिशूल गदा हाथ में साजैं **

शंख मृदंग नगारे बाजैं ।
गंधर्व राग मधुर स्वर गाजैं **

चौंसठ योगनी मंगल गावैं ।
ऋद्धि-सिद्धि नित भोग लगावैं **

दास दासनी सिर छत्र फिरावैं ।
यक्ष यक्षणी मिल चंवर ढूलावैं 16

ऋषियों में जैसे परशुराम बली हैं ।
देवन्ह में जैसे हनुमान बली हैं **

पुरुषों में जैसे भीम बली हैं ।
यक्षों में ऐसे ही कुबेर बली हैं **

भगतों में जैसे प्रहलाद बड़े हैं ।
पक्षियों में जैसे गरुड़ बड़े हैं **

नागों में जैसे शेष बड़े हैं ।
वैसे ही भगत कुबेर बड़े हैं 20

कांधे धनुष हाथ में भाला ।
गले फूलों की पहनी माला **

स्वर्ण मुकुट अरु देह विशाला ।
दूर-दूर तक होए उजाला **

कुबेर देव को जो मन में धारे ।
सदा विजय हो कभी न हारे **

बिगड़े काम बन जाएं सारे ।
अन्न धन के रहें भरे भण्डारे 24

कुबेर गरीब को आप उभारैं ।
कुबेर कर्ज को शीघ्र उतारैं **

कुबेर भगत के संकट टारैं ।
कुबेर शत्रु को क्षण में मारैं **

शीघ्र धनी जो होना चाहे ।
क्युं नहीं यक्ष कुबेर मनाएं **

यह पाठ जो पढ़े पढ़ाएं ।
दिन दुगना व्यापार बढ़ाएं 28

भूत प्रेत को कुबेर भगावैं ।
अड़े काम को कुबेर बनावैं **

रोग शोक को कुबेर नशावैं ।
कलंक कोढ़ को कुबेर हटावैं **

कुबेर चढ़े को और चढ़ादे ।
कुबेर गिरे को पुन: उठा दे **

कुबेर भाग्य को तुरंत जगा दे ।
कुबेर भूले को राह बता दे 32

प्यासे की प्यास कुबेर बुझा दे ।
भूखे की भूख कुबेर मिटा दे **

रोगी का रोग कुबेर घटा दे ।
दुखिया का दुख कुबेर छुटा दे **

बांझ की गोद कुबेर भरा दे ।
कारोबार को कुबेर बढ़ा दे **

कारागार से कुबेर छुड़ा दे ।
चोर ठगों से कुबेर बचा दे 36

कोर्ट केस में कुबेर जितावै ।
जो कुबेर को मन में ध्यावै **

चुनाव में जीत कुबेर करावैं ।
मंत्री पद पर कुबेर बिठावैं **

पाठ करे जो नित मन लाई ।
उसकी कला हो सदा सवाई **

जिसपे प्रसन्न कुबेर की माई ।
उसका जीवन चले सुखदाई

जो कुबेर का पाठ करावै ।
उसका बेड़ा पार लगावै **

उजड़े घर को पुन: बसावै ।
शत्रु को भी मित्र बनावै **

सहस्त्र पुस्तक जो दान कराई ।
सब सुख भोद पदार्थ पाई **

प्राण त्याग कर स्वर्ग में जाई ।
मानस परिवार कुबेर कीर्ति गाई ||

** दोहा **
शिव भक्तों में अग्रणी*
श्री यक्षराज कुबेर ।
हृदय में ज्ञान प्रकाश भर*
कर दो दूर अंधेर **

कर दो दूर अंधेर अब*
जरा करो ना देर ।
शरण पड़ा हूं आपकी*
दया की दृष्टि फेर **

नित्त नेम कर प्रातः ही*
पाठ करौं चालीसा ।
तुम मेरी मनोकामना*
पूर्ण करो जगदीश **

मगसर छठि हेमन्त ॠतु*
संवत चौसठ जान ।
अस्तुति चालीसा शिवहि*
पूर्ण कीन कल्याण **

Must read Below

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!