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कहियो दर्शन दीन्हे हो Kahiyo Darshan Dinhe Ho

  • Bhajan
कहियो_दर्शन_दीन्हे_हो_Kahiyo_Darshan_Dinhe_Ho

कहियो दर्शन दीन्हे हो Kahiyo Darshan Dinhe Ho–देवरिया में गाई गई श्री रामकथा में पूज्य राजन जी द्वारा गाया हुवा ये भजन- कहियो दर्शन दीहें हो, भीलनियो के राम – बहुत ही सुन्दर अथवा मनमोहक भजन है। इस भजन में शबरी मइया का अपने पूज्य गुरुदेव के बचनों पर जो विश्वास है, बताया गया है

कहियो दर्शन दीन्हे हो Kahiyo Darshan Dinhe Ho

पंथ निहारत, डगर बहारथ,
होता सुबह से शाम,
कहियो दर्शन दीन्हे हो,
भीलनियों के राम।
पंथ निहारत, डगर बहारथ,
होता सुबह से शाम,
कहियो दर्शन दीन्हे हो,
भीलनियों के राम।
कहियो दर्शन दीन्हे हो,
भीलनियों के राम।

गुरुवर मतंग जी,
रन ले राम रंग में,
बालिका से प्रीत भई ली,
ओहि रे तरंग में,
नाम रूप अरु लीला धाम के,
नाम रूप अरु लीला धाम के,
सुमिरन आठों याम,
कहियो दर्शन दीन्हे हो,
भीलनियों के राम।

अधम से अधम,
अधम अति नारी,
उत चक्र व्रती के,
कुमार धनुर्धारी,
चीखी चीखी बैर के राखव,
आईहेही भोग के काम,
कहियो दर्शन दीन्हे हो,
भीलनियों के राम।

माड़ो से भागल,
अनुरागी संजागल,
शबरी शिकारी भइनी,
भक्ति में पाग़ल,
उहे डगर तू धरहो राजन,
पइबा परम विश्राम,
कहियो दर्शन दीन्हे हो,
भीलनियों के राम।

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