कदे सानु भी माँ चिठिया पा |Kade Sanu Bhi Maa Chitya Paa –यह भजन भाई मनिंदर जी द्वारा गाया है ! यह भजन विष्णु माता जी के मंदिर में गया है ! इस भजन में भक्त माँ को अपने दुआर पर बुलाना की बिनती करता है
कदे सानु भी माँ चिठिया पा | Kade Sanu Bhi Maa Chitya Paa
कदे सानु वी माँ चिठिया पा
नी माइए असी कदों दे उदिक्दे
लै साणू वी दर ते भुला॥
नी माइए असी कदों दे उदिक्दे
कदे साणु भी माँ चिठिया पा
अखियाँ नु थांग माइए,तेरे दीदार दी॥
दिल नु थांग माइए,तेरे सचे प्यार दी॥
कदे मीठी मीठी,ठंड बरसा॥
नी माइए असी कदों दे उदिकदे
कदे साणु भी माँ चिठिया पा
दिन दिन गिन्दे,गुजर गए ने साल माँ॥
तेरे माँ दीदार वजों,होइया मंदा हाल माँ॥
कदे आजा तू जा,साणू लै भुला॥
नी माइए असी कदों दे उदिक्दे
कदे सानु वी माँ चिठिया पा
तेरा हर भाना तेरी,मेहर कर जानिए॥
सबर सिदक ऐसा,दे दे महारानिये॥
जो है दिल विच,दिता माँ सुनाया॥
नी माइए असी कदों दे उदिक्दे
कदे साणु भी माँ चिठिया पा
केहरी गल्लो दस साड़ी,याद तू भुलाई माँ ॥
कदों तक होनी दस,साड़ी सुनवाई माँ ॥
कदों बरसेगी,तेरी किरपा ॥
नी माइए असी कदों दे उदिक्दे
कदे सानु वी माँ चिठिया पा