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Jai shiv shankar jai gangadhar karunakar kartar hare

जय शिव शंकर जय गंगाधर करुणाकर करतार हरे | Jai shiv shankar jai gangadhar karunakar kartar hare :->Shivastak strot | Jay Shiv Shankar Jay gangadhar Jay karunakar | जय शिव शंकर जय करुणाकर जय गंगाधर

जय शिव शंकर जय गंगाधर करुणाकर करतार हरे | Jai shiv shankar jai gangadhar karunakar kartar hare

जय शिव शंकर जय गंगाधर करुणाकर करतार हरे
पार्वती पति हर हर शंभू पाही दातार हरे

जय शिव शंकर जय गंगाधर करुणाकर करतार हरे
पार्वती पति हर हर शंभू पाही दातार हरे

जय कैलाशी जय अविनाशी सुख राशि सुख सार हरे
जय शशि शेखर जय डमरू धर जय जय प्रेमबार हरे

जय त्रिपुरारी जय माधरी अमित अनंत आपर हरे
निर्गुण जय जय सगुण अनामाय निराकार सकार हरे

पार्वती पति हर हर शंभू पाही दातार हरे
जय कैलाशी जय अविनाशी सुख राशि सुख सार हरे

जय रामेश्वर जय नागेश्वर वैद्यनाथ केदार हरे
मल्लिकार्जुन सोमनाथ जय महाकाल ओंकार हरे

त्रयंबकेश्वर जय घुश्मेश्वर
धीमेश्वर जग तार हरे

काशीपति जय विश्वनाथ जय मंगल
माये अध हार हरे

नीलकंठ जय भूतनाथ जय मृत्युंजय अविकार हरे
पार्वती पति हर हर शंभू पाही दातार हरे

जय महेश जय जय भावेश
जय आदि देव महादेव विभो

किस मुख से हे गुणातीत प्रभु
तब अपार गुण वर्ण हो

जय भव कारक तारक हरकी
पाताक दरक शिव शंभू

दीन दुख हर सर्व सुखाकरी
प्रेम सुधा धार की जय हो

पार लगा दो भव सागर से
बांकर करुणा धर हरे

पार्वती पति हर हर शंभू पाही दातार हरे
पार्वती पति हर हर शंभू पाही दातार हरे

जय मान भवन जय अति पवन
सोक नशवन शिव शंभु

विपद विदारन अधम उद्धरन
सत्य सनातन शिव शंभु

सहज वचन हर जलज नयनवारी
धवल वरण तन शिव शंभू

मदन दहन कर पाप हरान हरि
चरण मनन धर शिव शंभू

त्रिविशन विश्व रूप प्रलयंकर
जग के मूलाधार हरे

पार्वती पति हर हर शंभू पाही दातार हरे
पार्वती पति हर हर शंभू पाही दातार हरे

भोला नाथ कृपालु दया माये
औदार दानी शिव योगी

निमिश मटर में देते हैं
नव निधि मान मणि शिव योगी

सरल हरदय अति करुणा सागर
अखत कहानी शिव योगी

भक्तो प्रति सर्वस्व लुटा कारी
बने मसानी शिव योगी

स्वं अकिंचन जनम निरंजन
पर शिव परम उदारी

पार्वती पति हर हर शंभू पाही दातार हरे
पार्वती पति हर हर शंभू पाही दातार हरे

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