घर विच अलख जगा गया | Ghar Vich Alakh Jagaa lyrics :–>यह सूंदर भजन बाबा बालक नाथ जी उसतत बहुत सूंदर ढंग से की है इस में करनैल राणा जी बाबा जी की अपने शब्दों से प्रेम रस भर देते है |
घर विच अलख जगा गया | Ghar Vich Alakh Jagaa lyrics
घर विच अलख जगा गया नि माँ,
इक छोटा जेहा बालक,
छोटा जेहा बालक नन्ना जेहा बालक,
घर विच अलख जगा गया …
माँ रतनो दा लाल प्यारा,
गौआ दा ओह लगदा ग्वाला,
गले विच सिंग्नी पा गया नि माँ,
इक छोटा जेहा बालक,
घर विच अलख जगा गया
मोरा दी मैं करदा सवारी,
ना उसदा है पौनाहारी,
बाबा बालक नाथ बता गया नि माँ,
इक छोटा जेहा बालक,
घर विच अलख जगा गया
मैं पूछिया तू खांदा की आ,
मैं पूछिया तू पींदा की आ,
मीठा जेहा रोट बता गया नि माँ,
इक छोटा जेहा बालक,
घर विच अलख जगा गया
चेत महीने ओहदे लगदे ने मेले,
दूर ते यात्रु आयी छेलू बजेरदे,
इंज ओह विच मंदिर बुला गया नि माँ,
इक छोटा जेहा बालक,
घर विच अलख जगा गया
अंग विच थुड ओहने सारे लाइ आ,
बोड थले बह के ओहने ताड़ी लगाई आ,
बोहड़ विच रोटियां छुपा गया नि माँ,
इक छोटा जेहा बालक,
घर विच अलख जगा गया