आज का विचार | Aaj ka vichar 10-02-23 :->यह हर रोज आपके समक्ष आज का विचार विभिन्न विभिन्न ग्रंथों में से उठाकर आपके समक्ष रखा जाएगा चाहे वह प्राणुत्र मानस हो चाहे गीता महारानी जय रामायण जन अन्य ग्रंथ है |
प्राण उपनिषदों से लेकर यह विचार आपके समक्ष रखा जाए कृपा आप इसे ध्यान से पढ़ें और इसको अपने जीवन में धारण करने का प्रयास करें क्योंकि यह ग्रंथों के मुताबिक बताया गया रास्ता यह आपके जीवन की राह को सही दिशा देगा
Aaj ka vichar 10-02-23
श्रोत्रं श्रुतनैव न कुण्डलेन
दानेन पाणिर्न तु कंकणेन।
विभाति कायः करुणापराणां परोपकारैर्नतु चन्दनेन।।
भावार्थ:–
कान की शोभा शास्त्रों के श्रवण से होती है, कुण्डल पहनने से नहीं,
हाथ की शोभा दान से होती है, कंगन पहनने से नहीं।
दयालु मनुष्यों का शरीर परोपकार करने से ही शोभित होता है, चन्दन लगाने से नहीं |