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यमुना जी की आरती | yamuna ji ki aarti

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यमुना जी की आरती | yamuna ji ki aarti :->यमुना जी की आरती  सुख देने वाली है और भक्तों के सभी  कामों को करने वाली है

यमुना जी की आरती | yamuna ji ki aarti


जय जय श्री यमुना माँ धन्य धन्य श्री यमुना ।
जोता जनम सुधार्या जोता जनम सुधार्या धन्य धन्य श्री यमुना माँ जय जय श्री यमुना ॥

शामलाडी सूरत माँ मूरत माधुरी माँ मूरत माधुरी ।
प्रेम सहित पटरानी पराक्रमे पूरया माँ जय जय श्री यमुना ॥

गह्वर चाल्या माँ गंभीरे घेरया माँ गम्भीरे घेरया ।
चूंदडिये चटकाव्या पहरया ने लहरया माँ जय जय श्री यमुना ॥

भुज कंकण रूडा माँ गुजरिया चूड़ी माँ गुजरिया चूड़ी ।
बाजूबंद ने वेरखा पहोंची रत्न जड़ी माँ जय जय श्री यमुना ॥

झांझर ने झमके माँ बिछिया ने ठमके माँ बिछिया ने ठमके ।
नूपुर ने नादे माँ घूघरी ने घमके माँ जय जय श्री यमुना ॥

सोला श्रृंगार सज्या माँ नकबेसर मोती माँ नकबेसर मोती ।
आभरण मा आपो छो दर्पण मुख जोता माँ जय जय श्री यमुना ॥

तट अंतर रूडा माँ शोभित जल भरिया माँ शोभित जल भरिया ।
मनवांछित मुरलीधर सुन्दर वर वरिया माँ जय जय श्री यमुना ॥

लाल कमल लपटया माँ जोवाने गया था माँ जोवाने गया था ।
कहे माधव परिक्रम्मा ब्रज नी करवा ने गया था माँ जय जय श्री यमुना ॥

श्री यमुना जी नी आरती विश्राम घाटे थाय माँ विश्राम घाटे थाय ।
तैंतीस करोड देवता दर्शन करवा जाय माँ जय जय श्री यमुना ॥

श्री यमुना नी आरती जो कोई गाशे माँ जो कोई गाशे ।
तेना जनम मरण संकट सर्वे दूर थाशे माँ जय जय श्री यमुना ॥

एटली विनती करूँ माँ तव चरणे राखो माँ तव चरणे राखो ।
दास क़रीने स्थापो ब्रज मा वास आपो माँ जय जय श्री यमुना ॥

जय जय श्री यमुना माँ धन्य धन्य श्री यमुना |
जोता जनम सुधार्या जोता जनम सुधार्या धन्य धन्य श्री यमुना
माँ जय जय श्री यमुना

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