ये तो प्रेम की बात है उधो | Ye To Prem Ki Bat Hai Udho Lyrics :->जया किशोरी ने सात वर्ष की छोटी उम्र में अपनी आध्यात्मिक यात्रा शुरू की। अपने बचपन के जागरण के बाद से, उसने भाग्य में दृढ़ विश्वास विकसित किया और माना कि कुछ भी कभी भी नियोजित नहीं होता – यह सब नियति है।
ये तो प्रेम की बात है उधो | Ye To Prem Ki Bat Hai Udho Lyrics
ये तो प्रेम की बात है उधो
यह तो प्रेम की बात है उधो
बंदगी तेरे बस की नहीं है
यहाँ सर देके होते सौदे
आशकी इतनी सस्ती नहीं है**
प्रेम वालों ने कब वक्त पूछा
उनकी पूजा में सुन ले ए उधो
यहाँ दम दम में होती है पूजा
सर झुकाने की फुर्सत नहीं है**
जो असल में हैं मस्ती में डूबे
उन्हें क्या परवाह ज़िन्दगी की
जो उतरती है चढ़ती है मस्ती
वो हकीकत में मस्ती नहीं है**
जिसकी नजरो में है श्याम प्यारे
वो तो रहते हैं जग से न्यारे
जिसकी नज़रों में मोहन समाये
वो नज़र फिर तरसती नहीं है**
यह तो प्रेम की बात है उधो
बंदगी तेरे बस की नहीं है
यहाँ सर देके होते सौदे
आशकी इतनी सस्ती नहीं है**
Ye To Prem Ki Bat Hai Udho Lyrics pdf
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