धनतेरस क्यों मनाते है ? | Why Dhanteras is celebrated? :-> धनतेरस सनातन धर्म का एक प्रमुख त्योहार है। लेकिन, क्यों धनतेरस मनाया जाता है? यह बहुत ही कम लोगों को ज्ञात है। प्रायः लोग इस दिन धन बढ़ाने के लिए कई उपाय करते हैं, इस लेख में हम वो उपाय भी बतायेंगे। धनतेरस के दिन अधिकांश लोग सोना-चाँदी के आभूषण अथवा बर्तन क्रय करते (खरीदते) है। लेकिन क्यों? क्या कारण है? विस्तार से इस लेख में जानेंगे।
धनतेरस क्यों मनाते है ? | Why Dhanteras is celebrated?
कार्तिक मास की अमावस्या तिथि से पूर्व दो दिन पहले प्रत्येक वर्ष त्रयोदशी तिथि के दिन धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है| पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान धनवंतरी का जन्म हुआ था, जिस कारण इस दिन को धनतेरस के रूप में मनाया जाने लगा| इस बार का धनतेरस का ये पर्व 25 अक्तूबर दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा|
यूं तो दिवाली से 2 दिन पहले यानि धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी की पूजा होती है परंतु क्योंकि इस बार धनतेरस शुक्रवार को पड़ रही है |और इतना तो सभी जानते हैं कि शुक्रवार का दिन माँ लक्ष्मी को समर्पित है,
इसलिए इस दिन भगवान धनवंतरी के साथ माँ लक्ष्मी की पूजा करना भी अत्यंत फलदायी है|
Dhanteras puja vidhi
* धनतेरस के दिन शाम के वक्त शुभ मुहूर्त में उत्तर की ओर कुबेर और धन्वंतरि की स्थापना करें।
* मां लक्ष्मी, गणेश की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।इसके बाद दीप जलाकर पूजा करें।
* तिलक करने के बाद पुष्प, फल आदि का भोग लगाएं।
* कुबेर देवता को सफेद मिठाई और धन्वंतरि देव को पीली मिठाई का भोग लगाएं।
* पूजा के दौरान ‘ऊँ ह्रीं कुबेराय नमः’ इस मंत्र का जाप करते रहें।
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