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विद्यां ददाति विनयं | Vidya Dadati Vinayam

  • Stotram
विद्यां_ददाति_विनयं_Vidya_Dadati_Vinayam

विद्यां ददाति विनयं | Vidya Dadati Vinayam :-> मनुष्य के लिए विद्या यानि ज्ञान उतना ही आवश्यक है जितना खाना पीना व् श्वास लेना।जिस तरह हम अन्न, पानी और हवा के बगैर जी नहीं सकते उसी प्रकार बिना ज्ञान के जीवन मृत्यु समान है।

विद्यां ददाति विनयं | Vidya Dadati Vinayam lyrics

विद्यां ददाति विनयं,
विनयाद् याति पात्रताम्।
पात्रत्वात् धनमाप्नोति,
धनात् धर्मं ततः सुखम्॥

अर्थ :->विद्या विनय अर्थात विवेक और विनम्रता प्रदान करती है ,विवेक से मनुष्य योग्यता प्राप्त करता है,अपनी योग्यता के दम पर मनुष्य धन प्राप्त करता है और धन से धार्मिक कार्य समपन्न हो सकते है ,धार्मिक कार्य से असीम आनन्द की प्राप्ति होती है ।इसका अर्थ है कि मनुष्य को सदैव सर्वश्रेष्ठ कार्य करने चाहिये उसीसे सुख की प्राप्ति होती है।इसके मूल मे ये है कि मनुष्य को ज्ञानवान होने की महती आवश्यकता है।

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