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श्री सीता आरती | Sita Mata Aarti lyrics

  • Aarti

श्री सीता आरती | Sita Mata Aarti lyrics :-> माता जानकी जी की आरती है इसको सुनने मात्र से भक्तों के हृदय में राम के प्रति भक्तिभाव पड़ता है और  जानकी जी की विशेष कृपा का पात्र बनता है

श्री सीता आरती | Sita Mata Aarti lyrics

जगत जननी जग की विस्तारिणी,
नित्य सत्य साकेत विहारिणी,
परम दयामयी दिनोधारिणी,
सीता मैया भक्तन हितकारी की ॥

आरती श्री जनक दुलारी की ।
सीता जी रघुवर प्यारी की ॥

सती श्रोमणि पति हित कारिणी,
पति सेवा वित्त वन वन चारिणी,
पति हित पति वियोग स्वीकारिणी,
त्याग धर्म मूर्ति धरी की ॥

आरती श्री जनक दुलारी की ।
सीता जी रघुवर प्यारी की ॥

विमल कीर्ति सब लोकन छाई,
नाम लेत पवन मति आई,
सुमीरात काटत कष्ट दुख दाई,
शरणागत जन भय हरी की ॥

आरती श्री जनक दुलारी की ।
सीता जी रघुवर प्यारी की ॥

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