श्राद्ध में क्या नहीं करना चाहिए | Shradh me kya nahi karna chahiye :->श्राद्ध के दौरान कुछ निषिद्ध क्रियाएँ और आहार होते हैं, जिन्हें व्रती को नहीं करना चाहिए। इन निषिद्ध क्रियाओं और आहारों का पालन करने से व्रती का उपवास सफल होता है और उनके पितृगणों की आत्मा को शांति मिलती है।
श्राद्ध में क्या नहीं करना चाहिए | Shradh me kya nahi karna chahiye
श्राद्ध में नहीं करनी चाहिए (what not to do ):
- बालक नहीं खिलाना: व्रती को बालक (बच्चा) नहीं खिलाना चाहिए। यदि व्रती का कोई छोटा बच्चा है, तो उसे श्राद्ध का भागी नहीं बनाना चाहिए।
- अन्य को श्राद्ध में बुलाना: व्रती को अन्य लोगों को श्राद्ध में नहीं बुलाना चाहिए। यह उनके पितृगणों की पूजा होती है और इसे व्यक्तिगत रूप से किया जाता है।
- नमक नहीं खाना: नमक श्राद्ध में नहीं खाया जाता है। व्रती को नमक की जगह सेंधा नमक या व्रत का नमक प्रयोग करना चाहिए।
निषिद्ध आहार (श्राद्ध में नहीं खाना चाहिए)(what not to eat):
- गोबर और मांस: श्राद्ध में गोबर (गौ मूत्र और गौमूत्र) और मांस नहीं खाना चाहिए।
- प्याज और लहसुन: व्रती को प्याज और लहसुन नहीं खाना चाहिए।
- काली मिर्च, अदरक, और हींग: इनका भी प्रयोग श्राद्ध में नहीं करना चाहिए।
- अनाज का आटा: आटे का उपयोग श्राद्ध में नहीं करना चाहिए, बल्कि कूटू का आटा या सिंघाड़ा का आटा प्रयोग करना चाहिए।
- बर्फी और चॉकलेट: इनका भी shradh में सेवन नहीं करना चाहिए।
- अल्कोहल: श्राद्ध में alcohal का सेवन नहीं करना चाहिए।
- धूप और चादर: श्राद्ध के दौरान व्रती को धूप और चादर का भी प्रयोग नहीं करना चाहिए।
श्राद्ध में ये निषिद्ध क्रियाएँ और आहार का पालन करने से व्रती अपने पितृगणों की आत्मा की शांति का अच्छा अदान-प्रदान करते हैं।