भगवान शिव जी के 108 नाम | Shiva ji ke 108 naam :->हे भगवान त्रिपुरारी भोलेनाथ के 108 नाम व्यक्ति को नित्य इसका श्रवण अथवा पाठ करना चाहिए | क्योंकि भगवान सदैव उनके नाम में विराजमान होते हैं
भगवान शिव जी के 108 नाम | Shiva ji ke 108 naam
शिव –> कल्याण स्वरूप
महेश्वर –> माया के अधीश्वर
शम्भू –> आनंद स्वरूप वाले
पिनाकी –> पिनाक धनुष धारण करने वाले
शशिशेखर –> चंद्रमा धारण करने वाले
वामदेव –> अत्यंत सुंदर स्वरूप वाले
विरूपाक्ष –> विचित्र अथवा तीन आंख वाले
कपर्दी –> जटा धारण करने वाले
नीललोहित –> नीले और लाल रंग वाले
शंकर –> सबका कल्याण करने वाले
शूलपाणी –> हाथ में त्रिशूल धारण करने वाले
खटवांगी– खटिया का एक पाया रखने वाले
विष्णुवल्लभ –> भगवान विष्णु के अति प्रिय
शिपिविष्ट –> सितुहा में प्रवेश करने वाले
अंबिकानाथ– देवी भगवती के पति
श्रीकण्ठ –> सुंदर कण्ठ वाले
भक्तवत्सल –> भक्तों को अत्यंत स्नेह करने वाले
भव –> संसार के रूप में प्रकट होने वाले
शर्व –> कष्टों को नष्ट करने वाले
त्रिलोकेश– तीनों लोकों के स्वामी
शितिकण्ठ –> सफेद कण्ठ वाले
शिवाप्रिय –> पार्वती के प्रिय
उग्र –> अत्यंत उग्र रूप वाले
कपाली –> कपाल धारण करने वाले
कामारी –> कामदेव के शत्रु, अंधकार को हरने वाले
सुरसूदन –> अंधक दैत्य को मारने वाले
गंगाधर –> गंगा को जटाओं में धारण करने वाले
ललाटाक्ष –> माथे पर आंख धारण किए हुए
महाकाल –> कालों के भी काल
कृपानिधि –> करुणा की खान
भीम –> भयंकर या रुद्र रूप वाले
परशुहस्त –> हाथ में फरसा धारण करने वाले
मृगपाणी –> हाथ में हिरण धारण करने वाले
जटाधर –> जटा रखने वाले
कैलाशवासी –> कैलाश पर निवास करने वाले
कवची –> कवच धारण करने वाले
कठोर –> अत्यंत मजबूत देह वाले
त्रिपुरांतक –> त्रिपुरासुर का विनाश करने वाले
वृषांक –> बैल–चिह्न की ध्वजा वाले
वृषभारूढ़ –> बैल पर सवार होने वाले
भस्मोद्धूलितविग्रह –> भस्म लगाने वाले
सामप्रिय –> सामगान से प्रेम करने वाले
स्वरमयी –> सातों स्वरों में निवास करने वाले
त्रयीमूर्ति –> वेद रूपी विग्रह करने वाले
अनीश्वर –> जो स्वयं ही सबके स्वामी है
सर्वज्ञ –> सब कुछ जानने वाले
परमात्मा –> सब आत्माओं में सर्वोच्च
सोमसूर्याग्निलोचन –> चंद्र, सूर्य और अग्निरूपी आंख वाले
हवि –> आहुति रूपी द्रव्य वाले
यज्ञमय –> यज्ञ स्वरूप वाले
सोम –> उमा के सहित रूप वाले
पंचवक्त्र –> पांच मुख वाले
सदाशिव –> नित्य कल्याण रूप वाले
विश्वेश्वर– विश्व के ईश्वर
वीरभद्र –> वीर तथा शांत स्वरूप वाले
गणनाथ –> गणों के स्वामी
प्रजापति –> प्रजा का पालन– पोषण करने वाले
हिरण्यरेता –> स्वर्ण तेज वाले
दुर्धुर्ष –> किसी से न हारने वाले
गिरीश –> पर्वतों के स्वामी
गिरिश्वर –> कैलाश पर्वत पर रहने वाले
अनघ –> पापरहित या पुण्य आत्मा
भुजंगभूषण –> सांपों व नागों के आभूषण धारण करने वाले
भर्ग –> पापों का नाश करने वाले
गिरिधन्वा –> मेरू पर्वत को धनुष बनाने वाले
गिरिप्रिय –> पर्वत को प्रेम करने वाले
कृत्तिवासा –> गजचर्म पहनने वाले
पुराराति –> पुरों का नाश करने वाले
भगवान् –> सर्वसमर्थ ऐश्वर्य संपन्न
प्रमथाधिप –> प्रथम गणों के अधिपति
मृत्युंजय –> मृत्यु को जीतने वाले
सूक्ष्मतनु –> सूक्ष्म शरीर वाले
जगद्व्यापी– जगत में व्याप्त होकर रहने वाले
जगद्गुरू –> जगत के गुरु
व्योमकेश –> आकाश रूपी बाल वाले
महासेनजनक –> कार्तिकेय के पिता
चारुविक्रम –> सुन्दर पराक्रम वाले
रूद्र –> उग्र रूप वाले
भूतपति –> भूतप्रेत व पंचभूतों के स्वामी
स्थाणु –> स्पंदन रहित कूटस्थ रूप वाले
अहिर्बुध्न्य –> कुण्डलिनी– धारण करने वाले
दिगम्बर –> नग्न, आकाश रूपी वस्त्र वाले
अष्टमूर्ति –> आठ रूप वाले
अनेकात्मा –> अनेक आत्मा वाले
सात्त्विक– सत्व गुण वाले
शुद्धविग्रह –> दिव्यमूर्ति वाले
शाश्वत –> नित्य रहने वाले
खण्डपरशु –> टूटा हुआ फरसा धारण करने वाले
अज –> जन्म रहित
पाशविमोचन –> बंधन से छुड़ाने वाले
मृड –> सुखस्वरूप वाले
पशुपति –> पशुओं के स्वामी
देव –> स्वयं प्रकाश रूप
महादेव –> देवों के देव
अव्यय –> खर्च होने पर भी न घटने वाले
हरि –> विष्णु समरूपी
पूषदन्तभित् –> पूषा के दांत उखाड़ने वाले
अव्यग्र –> व्यथित न होने वाले
दक्षाध्वरहर –> दक्ष के यज्ञ का नाश करने वाले
हर –> पापों को हरने वाले
भगनेत्रभिद् –> भग देवता की आंख फोड़ने वाले
अव्यक्त –> इंद्रियों के सामने प्रकट न होने वाले
सहस्राक्ष –> अनंत आँख वाले
सहस्रपाद –> अनंत पैर वाले
अपवर्गप्रद –> मोक्ष देने वाले
अनंत –> देशकाल वस्तु रूपी परिच्छेद से रहित
तारक –> तारने वाले
परमेश्वर –> प्रथम ईश्वर
Shiva ji ke 108 naam
Read Also- यह भी जानें
- माँ बगलामुखी चालीसा | Maa baglamukhi chalisa
- माँ बगलामुखी जयंती Maa baglamukhi jayanti 2021
- माँ बगलामुखी आरती Maa Baglamukhi Aarti lyrics
- बााबा नेने चलियौ हमरो अपन नगरी | Baba Nene Chaliyo Hamaro Apan Nagari
- Prabhu Ji Mere Awgun Chit Na Dharo lyrics
- ये माया तेरी बहुत कठिन है राम | Ye Maya Teri Bahut Kathin Hai Ram