ॐ नमः शिवाय’ का अर्थ | Shadakshar mantra ka arth —मंत्र जप करने से आप अपने ईस्ट देव को पर्सन कर सकते हो| वेदो और शास्त्रों में मंत्र जप को बहुत शक्तिशाली बताया गया है | वैसे तो लाखो हे मंत्र है और हर एक का अपना अपना अर्थ अथवा फायदे है |
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ॐ नमः शिवाय’ का अर्थ | Shadakshar mantra ka arth
शिव महापुराण के अनुसार ॐ नमः शिवाय मंत्रो का मंत्र है| इस मंत्र को षडक्षर मंत्र के नाम से जाना जाता है |शायद ही कोई हो जिससे इस मंत्र के बारे में न पता हो | यह महामंत्र अति प्रसिद्ध है अथवा यह मंत्र सभी दुखो नाशक व है |
“ऊँ” भगवान शिव का एकाक्षर मंत्र हैं।
“नम शिवाय” भगवान शिव का पंचाक्षरी मंत्र है।
इन दोनों को मिला के ॐ नमः शिवाय बना जो की षडक्षर मंत्र के नाम से जाना जाता है इसकी नियामत जप से भगवन शिब की कृपा द्रिष्टि सदैव अपने भक्तो पेय बानी रेहती है |
शिवपुराण के अनुसार षडाक्षर मंत्र का महत्व का वर्णन १०० करोड़ वर्षो में व संभव नहीं है |
‘ॐ नमः शिवाय’ इस मंत्र का अर्थ है आत्मा ,घृणा ,तृष्णा ,स्वार्थ ,लोभ ,इर्षा ,काम ,क्रोध ,मोह ,मद और माया से रहित हो कर प्रेम और आनंद से परिपूर्ण होकर परमात्मा का सानिध्य प्राप्त करे |
अर्थात आत्मा का परमात्मा से मिलान हो |
2. ‘ॐ नमः शिवाय’ जपने का समय:-
वेद अथवा शाश्त्रो में इस महामंत्र का के जप का निषत समय नहीं बताया गया है ऐसे आप जब चाहे तब जप सकते है |और भगवन भोलेनाथ की असीम कृपा पा सकतें हो |
3.मंत्र जपने की विधि:-
सर्ब प्रथम इस महामंत्र का जप हमे रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए | ॐ नमः शिवाय का पथ हमा कम से कम 108 बार प्रतिरोज़ करना चाहिए | जप हमेशा पूर्व और उत्तर की दिषा की तरफ करके करना चाहिए |
यदि आप कैसे पवित्र नदी के किनारे शिवलिंग की स्थापना करके “ॐ नमः शिवाय ” का जप करेंगे तोह उसके फल का वर्णन सबसे उत्तम होगा | इसके इलावा अप्प कैसे पर्वत जह शांत बन में व इसका जप कर सकतें है |
इसका जप शिवालय अथवा घेर में व कर सकतें है | इस षडाक्षर मंत्र का जप हमेशा योग मुद्रा में बैठ कर ही करना चाहिए | गुरु के मुख से मिला हुआ षडाक्षर मंत्र का फल की दोगना हो जाता है |
इसका जप एकांत में बैठ के करना व उचित होगा |ध्यान रहे जप करने वाला व्यक्ति अपने मन ,कर्म और वाणी पर भी निंत्रण करे और अपने गुरु अथवा माँ बाप के प्रति सेवा भाव रखे |
हिन्दू पंचांग के हिसाब से सावन ,माग माँ और भद्रपद माह में इस मंत्र का जप बहुत शुद्ध अथवा जल्द मनोकामना पुराण करने वाला माना जाता है |
4.ॐ नमः शिवाय जप के फायदे:-
षडाक्षर मंत्र का नियामत जप करने के असीम फायदे है लेकिन उन में से कुछ है जोह आगे लिखे हुुये है |
- धन की प्राप्ति
- शत्रु पर विजय
- संतान की प्राप्ति
असल में इस मंत्र के जप से आप अपनी हर मनोकामना पुरण कर सकतें हो| बस सरल भाव हो बाबा की प्रति समर्पण और प्रेम (श्राद्धा ) हो| भगवन भोलेनाथ को वैसे व भोलेवाले है सच्चे दिल से मांगने से बह सब मनोकामना पूर्ण कर देते है |
यह है ॐ नमः शिवाय’ :जप विधि|मंत्र अर्थ |मंत्र जप की फायदे