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मुकुट सिर मोर का मेरे | Mukut Sir Mor Ka lyrics

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मुकुट सिर मोर का मेरे | Mukut Sir Mor Ka lyrics :->यह कृष्ण भगवान का सुंदर भजन  भक्तों को सुख देने वाला है हमने इस भजन के शब्दों को लिरिक्स को नीचे दिया है  कृपया इसे अन्य साथियों साथ भी शेयर करें

मुकुट सिर मोर का मेरे | Mukut Sir Mor Ka lyrics

तेरे नैना दो नैना
मुकुट सिर मोर का
मेरे चित चोर का
दो नैना नैना नैना
दो नैना घनश्याम के
कटीले हैं कटार से।
मुकुट सिर मोर का
मेरे चित चोर का
दो नैना नैना नैना
दो नैना घनश्याम के
कटीले हैं कटार से।

आजा के भर लूँ तुझे
अपनी बाहों में
आजा छिपा लूँ तुझे
अपनी निगाहों में
दीवानों ने विचार के
कहा ये पुकार के
दो नैना नैना नैना
दो नैना घनश्याम के
कटीले हैं कटार से।

रास बिहारी नहीं
तुलना तुम्हारी
तुमसा ना देखा कोई
पहले अगाड़ी
के लूनराई वार के
के नज़रें उतार के
दो नैना नैना नैना
दो नैना घनश्याम के
कटीले हैं कटार से।

प्रेम लजाए तेरी
बाँकी अदाओं पर
फूल घटाएं तेरी
तिरछी निगाहों पर
की सौ चाँद वार के
दीवानें गए हार के
दो नैना नैना नैना
दो नैना घनश्याम के
कटीले हैं कटार से।

मुकुट सिर मोर का
मेरे चित चोर का
दो नैना नैना नैना
दो नैना घनश्याम के
कटीले हैं कटार से।
मुकुट सिर मोर का
मेरे चित चोर का
दो नैना नैना नैना
दो नैना घनश्याम के
कटीले हैं कटार से।

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