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मोहे रंग दे सांवरे | Mohe rang de sanwre

मोहे रंग दे सांवरे | Mohe rang de sanwre :->प्रभू के विरह में आँशू बहाना भी प्रेम भक्ति ही है वाह जितना सुन्दर भजन उतनी ही सुन्दर प्रस्तुतिकरण अति उत्तम

मोहे रंग दे सांवरे | Mohe rang de sanwre lyrics

मोहे अपने रंग में रंगदे ,मेरे सांवरे+2

तूने रंगी चुनरिया राधा की
तूने रंनी चुनरिया गोपी की

तेरे रंग मे रंगा बरसाना है
मेरे दिल के भितर कान्हा है

डगमग करती है, जिवन कि नाव रे
मोहे अपने रंग में रंगदे ,मेरे सांवरे+2

प्रीत लगी जब से तुझ से ,कहीं और जिया अब लागे ना
सपनों में जब तू आ जाए ,नैना फिर मेरे जागे ना

बिरहन के तुम बिरह को समझो
मुरली-कभी बजाओ ना

जैसे आए मिरा खातिर ,
मेरे खातिर आओ ना

मस्तक झुका दूं ,नीचे हो तेरा पाव रे
मोहे अपने रंग में रंगदे ,मेरे सांवरे+2

मेरे श्याम सलोने आजा, जीवन में कुछ बचा नहीं
सच तो ये है ,बस तू सच है, बाकी कुछ तो रहा नहीं

पालनहार जगत के मालिक, भक्तों को अपनाते हो
कोई तुम्हें पुकारे तो तुम दौड़े दौड़े आते हो

मिल जाए मेरे सर पे जो तेरा छाव रे

लागी तुज से लगी है एसी
प्रीत ये कान्हा छूटे न
टूटे बंधन जग से लेकिन रिश्ता तुजसे टूटे न
राधा को अपनाने वाले हमको कब अपनाओगे

अपने चरणों धाम में कान्हा हमको कब बुलाओगे
तू न सोना खाली मन का गाव रे

मोहे अपने रंग में रंगदे ,मेरे सांवरे+2

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