मत कर माया को अहंकार | Mat Kar Maya Ko Ahankaar lyrics :->यह सुंदर भजन भक्ति भावना को बढ़ाने वाला है | यह भजन भगवान के श्री चरणों के प्रति पैदा करने के लिए है| कृपया ऐसे भजन के अपने अपने परिवार और अपने दोस्तों के साथ शेयर करें धन्यवाद
मत कर माया को अहंकार | Mat Kar Maya Ko Ahankaar lyrics
आया है सब जाएगा
और राजा रंक फ़क़ीर
कोई सिंहासन चड़ चले
और कोई बंधे ज़ंजीर
पता टूटा डाल से
ले गई पवन उड़ाए
अबके बिछड़े कब मिले
दूर पड़ेंगे जाए
वृक्ष बोला पात से
और सुनो पात मेरी बात
इस घर की रीत यही
और एक आवे एक जाए
मतकर माया को अहंकार
मतकर काया को अभिमान
काया गार से काची
काया गार से काची रे
जैसा ओस का मोती
झोंका पवन का लग जाय
झपका पवन का लग जाय
काया धूल हो जासी।
ऐसा सख्त था महाराज
जिनका मुल्कों में नाम
जिन घर झूलता हाथी
जिन घर बंधता हाथी
उण घर दिया ना बाती
झोंका पवन का लग जाय
झपका पवन का लग जाय
काया धूल हो जासी
मत कर काया को अभिमान
काया गार से काची।
भरिया सिंदड़ा में तेल जासे
रच्यो है सब खेल
जल रही दिया री बाती
जैसा ओसरा मोती
झोंका पवन का लग जाय
झपका पवन का लग जाय
काया धूल हो जासी
मत कर काया को अभिमान
काया गार से काची।
खुट गया सिंदड़ा रो तेल
बिखर गया सब नट खेल
बुझ गई दिया री बाती
जैसा ओसरा मोती
झोंका पवन का लग जाय
झपका पवन का लग जाय
काया धूल हो जासी।
मत कर काया को अभिमान
काया गार से काची।
ये तो लालों मैं का लाल
तेरा कौन क्या हवाल
जिनको जम ले जासी
जैसा ओसरा मोती
झोंका पवन का लग जाय
झपका पवन का लग जाय
काया धूल हो जासी।
मत कर काया को अभिमान
काया गार से काची।
झूठा माय थारा बाप
झूठा सकल परिवार
झूठी कूटता छाती
जैसा ओसरा मोती।
जैसा ओसरा मोती
झोंका पवन का लग जाय
झपका पवन का लग जाय
काया धूल हो जासी।
मत कर काया को अभिमान
काया गार से काची।
बोल्या भवानीनाथ गुरूजी ने
सिर पे धरिया हाथ
जासे मुक्ति हो जासी
जैसा ओसरा मोती
झोंका पवन का लग जाय
झपका पवन का लग जाय
काया धूल हो जासी।
मत कर काया को अभिमान
काया गार से काची।