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मेरी लगी श्याम संग प्रीत lyrics.

  • Bhajan
मेरी_लगी_श्याम_संग_प्रीत_lyrics.

मेरी लगी श्याम संग प्रीत lyrics.–जाया किशोरी जी का यह भजन उतर भारत का अति प्रसिद्ध भजन है |इस भजन के लिरिक्स अति मनमोहक है इस में शाम जी के भक्त की क्या प्रस्तिथि होती है जब उन प्रीत लग जाती है |

मेरी लगी श्याम संग प्रीत lyrics.

मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने २-
मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने २-
क्या जाने कोई क्या जाने २-
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने २-
मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने २-

छवि लगी मन श्याम की जब से २-
भई बावरी मैं तो तब से २-
बाँधी प्रेम की डोर मोहन से २-
नाता तोड़ा मैंने जग से २-
ये कैसी पागल प्रीत ये दुनिया क्या जाने २-
ये कैसी निगोड़ी प्रीत ये दुनिया क्या जाने २-

क्या जाने कोई क्या जाने २-
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने २-
मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने २-

मोहन की सुन्दर सूरतिया २-
मन में बस गयी मोहनी मूरतिया २-
जब से ओढ़ी शाम चुनरिया २-
लोग कहे मैं भई बावरिया २-
मैंने छोड़ी जग की रीत ये दुनिया क्या जाने २-

क्या जाने कोई क्या जाने २-
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने २-
मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने २-

हर दम अब तो रहूँ मस्तानी २-
लोक लाज दीनी बिसरानी २-
रूप राशि अंग अंग समानी २-
हे रत हे रत रहूँ दीवानी २-
मई तो गाऊँ ख़ुशी के गीत ये दुनिया क्या जाने २-

क्या जाने कोई क्या जाने २-
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने २-
मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने २-

मोहन ने ऐसी बंसी बजायी २-
सब ने अपनी सुध बिसरायी २-
गोप गोपिया भागी आई २-
लोक लाज कुछ काम न आई २-
फिर बाज उठा संगीत ये दुनिया क्या जाने २-

क्या जाने कोई क्या जाने २-
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने २-
मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने २-

भूल गयी कही आना जाना २-
जग सारा लागे बेगाना २-
अब तो केवल शाम सुहाना २-
रूठ जाये तो उन्हें मनाना २-
अब होगी प्यार की जीत ये दुनिया क्या जाने २-

क्या जाने कोई क्या जाने २-
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने २-
मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने २-

हम प्रेम नगर की बंजारन २-
जप तप और साधन क्या जाने २-
हम शाम के नाम की दीवानी २-
नित नेम के बंधन क्या जाने २-
हम बृज की भोली गंवारनिया २-
ब्रह्म ज्ञान की उलझन क्या जाने २-
ये प्रेम की बाते है उद्धव २-
कोई क्या समझे कोई क्या जाने २-
मेरे और मोहन की बातें २-
या मै जानू या वो जाने २-

क्या जाने कोई क्या जाने २-
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने २-
मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने २-

शाम तन शाम मन शाम हैं हमारो धन २-
आठो याम पूछो हमें शाम ही सो काम हैं २-
शाम हिये शाम पिए शाम बिन नाही जिए २-
आंधें की सी लाकडी आधार शाम नाम है २-
शाम गति शाम मति शाम ही हैं प्राणपति २-
शाम सुख दायी सो भलाई आठो याम हैं २-
उद्धव तुम भये बवरे पाथी ले के आये दोड़े २-
हम योग कहा राखे यहाँ रोम रोम शाम है २-

क्या जाने कोई क्या जाने २-
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने २-
मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने २-

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