मैली चादर ओढ़ के कैसे द्वार | Maili Chadar Odh Ke Kaise Dwar Tumhare Aau Lyrics :->यह सुंदर भजन हरी ओम शरण द्वारा ज्ञान किया गया है यह अति सुन्दर है इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करे .
मैली चादर ओढ़ के कैसे | Maili Chadar Odh Ke Kaise Lyrics
मैली चादर ओढ़ के कैसे द्वार तुम्हारे आऊँ
हे पावन परमेश्वर मेरे मन ही मन शरमाऊँ
मैली चादर ओढ़ के कैसे द्वार तुम्हारे आऊँ||
तूने मुझको जग में भेजा निर्मल देकर काया
आकर के संसार में मैंने इसको दाग लगाया
जनम जनम की मैली चादर कैसे दाग छुड़ाऊँ
मैली चादर ओढ़ के कैसे द्वार तुम्हारे आऊँ||
निर्मल वाणी पाकर तुझसे नाम ना तेरा गाया
नैन मूँदकर हे परमेश्वर कभी ना तुझको ध्याया
मन-वीणा की तारे टूटीअब क्या राग सुनाऊँ
मैली चादर ओढ़ के कैसे द्वार तुम्हारे आऊँ||
इन पैरों से चलकर तेरे मंदिर कभी ना आया
जहाँ जहाँ हो पूजा तेरीकभी ना शीश झुकाया
हे हरिहर मई हार के आयाअब क्या हार चढाऊँ
मैली चादर ओढ़ के कैसे द्वार तुम्हारे आऊँ||
तू है अपरम्पार दयालु सारा जगत संभाले
जैसा भी हूँ मैं हूँ तेरा अपनी शरण लगाले
छोड़ के तेरा द्वारा दाता और कहीं नहीं जाऊँ
मैली चादर ओढ़ के कैसे द्वार तुम्हारे आऊँ||