मात पिता को छोड़ के बन्नी | Maat Pita Ko Chhod Ke Banni Lyrics :-> कृपया ऐसे भजन के अपने अपने परिवार और अपने दोस्तों के साथ शेयर करें धन्यवाद|
मात पिता को छोड़ के बन्नी | Maat Pita Ko Chhod Ke Banni Lyrics
मात पिता को छोड़ के बन्नी
हो गई आज पराई रे
जिन गलियों में बचपन बीता
वही गली बिसराई रे
वही गली बिसराई रे।
माथे बन्नी के बिंदी सोहे
टीका लिखी विदाई रे
जिन गलियों में बचपन बीता
वही गली बिसराई रे
वही गली बिसराई रे
मात पिता को छोड़ के बन्नी
हो गई आज पराई रे।
कान बन्नी के झुमके सोहे
कुंडल लिखी विदाई रे
जिन गलियों में बचपन बीता
वही गली बिसराई रे
वही गली बिसराई रे
मात पिता को छोड़ के बन्नी
हो गई आज पराई रे।
गले बन्नी के चैन सोहे
हरवा लिखी विदाई रे
जिन गलियों में बचपन बीता
वही गली बिसराई रे
वही गली बिसराई रे
मात पिता को छोड़ के बन्नी
हो गई आज पराई रे।
हाथ बनी के कंगना सोहे
चूड़ियां लिखी विदाई रे
जिन गलियों में बचपन बीता
वही गली बिसराई रे
वही गली बिसराई रे।
मात पिता को छोड़ के बन्नी
हो गई आज पराई रे
जिन गलियों में बचपन बीता
वही गली बिसराई रे
वही गली बिसराई रे।