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Maa baglamukhi jayanti 2023 (जानिए कब और क्यों मनाई जाती है जयंती)

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माँ बगलामुखी जयंती | Maa baglamukhi jayanti 2023 — > माँ बगलामुखी का सिद्ध पीठ काँगड़ा डिस्ट्रिक्ट के 30 km नज़दीक है | यह ज्वाला जी और चिंतपूर्णी दोह सिद्ध पीठ के विच में है | माँ बगलामुखी 10 महाविद्या में से एक है उन 10 में 8 नंबर पे माँ का स्थान है | यह माना जाता है की माँ सभी शैतानी शक्तियो का विनाश कर अपने भक्तो की रक्षा करती है | विशेष में आगे हम आर्टिकल में पड़ते है

माँ बगलामुखी जयंती | Maa baglamukhi jayanti 2023

1.क्यों मनाई जाती है(kyu mnaye jate hai ):-

एक बार सतयुग में महाविनाश उत्पन्न करने वाला ब्रह्मांडीय तूफान उत्पन्न हुआ, जिससे संपूर्ण विश्व नष्ट होने लगा इससे चारों ओर हाहाकार मच गया। संसार की रक्षा करना असंभव हो गया। यह तूफान सब कुछ नष्ट-भ्रष्ट करता हुआ आगे बढ़ता जा रहा था, जिसे देख कर भगवान विष्णु जी चिंतित हो गए।

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इस समस्या का कोई हल न पा कर वह भगवान शिव को स्मरण करने लगे, तब भगवान शिव ने कहा: शक्ति रूप के अतिरिक्त अन्य कोई इस विनाश को रोक नहीं सकता अत: आप उनकी शरण में जाएं।

तब भगवान विष्णु ने हरिद्रा सरोवर के निकट पहुंच कर कठोर तप किया। भगवान विष्णु के तप से देवी शक्ति प्रकट हुईं। उनकी साधना से महात्रिपुरसुंदरी प्रसन्न हुईं।

सौराष्ट्र क्षेत्र की हरिद्रा झील में जलक्रीड़ा करती महापीतांबरा स्वरूप देवी के हृदय से दिव्य तेज उत्पन्न हुआ। इस तेज से ब्रह्मांडीय तूफान थम गया।

मंगलयुक्त चतुर्दशी की अर्धरात्रि में देवी शक्ति का देवी बगलामुखी के रूप में प्रादुर्भाव हुआ था। त्रैलोक्य स्तम्भिनी महाविद्या भगवती बगलामुखी ने प्रसन्न होकर भगवान विष्णु जी को इच्छित वर दिया और तब सृष्टि का विनाश रुक सका।

इसलिए वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को यह जयंती मनाई जाती है |

इस लिए उस दिन से लेकर आजतक माँ की पूजा अर्चना करते इस महीने बगलमुखी जयंती मनाई जाती है|

2.शुभ समय अथवा बगलमुखी जयंती तिथि(maa baglamukhi jayanti 2023 date ):-

माँ बगलामुखी जयंती वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 28 April 2023 को मनाई जाएगी|माँ को पर्सन करने के लिए यह साल का सब से शुभ समय है

3.माँ बगलामुखी पूजा विधि(Maa baglamukhi pooja vidhi):-

माँ के भक्तो के द्वारा २० मई को माँ की जयंती बड़ी धूम धाम से मनाई जाएगी | पुराणिक कथा के मुताबिक माना जाता है जोह व भक्त माँ की पूजा अर्चना विधि विधान से करता है माँ उन् पैर बड़ी शिगर ही पर्सन होती है |

ये भी मान्यता है की जोह व माँ की पूजा सच्चे दिल इस दिल से करता है ,माँ उसको रोग,दुःख ,कला कलेश,जादू टोना,दरिदरता ,मुकदमे आदि वियदि से मुख्त करती है | और बगलामुखी जयंती वाले दिन तोह इस्सके खास मुहतब है | पूर्ण शनशेक में पूजा विधि आगे लिखी है |

विधि:-

  • सुबह जल्दी उठ शनान आदि साफ सुथरे कपड़े पहने|
  • माँ को पीले कपडे अति पर्सन है | इसलिए पीले रंग के कपडे धारण करना अति शुभ माना जाता है
  • पूजा करते समय  मुंह पूर्व दिशा की तरफ रखें|
  •  चौकी पर पीले रंग का वस्त्र बिछाएं |
  •  मां को पीले रंग का फूल, फल और मिठाई का भोग लगाएं|
  • फिर माँ की चालीसा अथवा आरती करे|
  • शाम के समय माँ की कथा का पाठ करे|
  • व्रत करने वाले भक्त शाम के समय फल कह सकते है|

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