चंद्रघंटा – नवरात्र के तीसरे दिवस मां की तीसरी शक्ति चंद्रघंटा की पूजा होती है श्री माता का यह स्वरूप परम शांति में एम्स खुदाई है इनके मस्तक में घंटे के आकार पर अर्धचंद्र है| जिस कारण से इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है| माता के झंडे की भयानक ध्वनि सुनकर असुर भयभीत होते हैं और भक्तों की प्रसन्नता बढ़ती है अर्थात दुष्टों का दमन करने वाली देवी सदैव भक्तों का कल्याण करती है
माता के चरण कमल का ध्यान करते हुए हाथ में रक्त वर्ण पुतली और मंत्र का पाठ करने के पश्चात पुष्प उनके चरणों में रख दें इस प्रकार 108 बार मंत्र का जप करें मंत्र जप के पूर्व मां का यंत्र और अखंड दीपक जोशी का पंचोपचार विधि से पूजन करें|
ॐ चं चं चं चंद्रघण्टाये हुं
देवी चंद्रघंटा की कृपा से साधक को गुप्त धनिया आकस्मिक धन की प्राप्ति होती है |
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