उदया तिथि को शर्माने मानकर 6 तारीख को आने वाली शुक्ल पक्ष के चैत्र मास में हनुमान जयंती या कहें हनुमान जन्मोत्सव की सभी भक्तगण बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं और हनुमान जी की इस दिन पूजा अर्चना करके अपनी मनवांछित फल प्राप्त करते हैं |
आज हम आपको बताएंगे वह यह है कि हनुमान जी को सरलता से किससे खुश करें | देखो हर व्यक्ति की अपने हिसाब से अपनी पूजा पद्धति होती है लेकिन कभी-कभी भरकर अपने इन्हीं विचारों में समझ में पड़ जाता है देखिए साधु संतों के मत के हिसाब से हनुमान जी की पूजा अनुष्ठान विधि मात्र यही है राम नाम|
जो भी व्यक्ति सुबह उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर हनुमान जी के समक्ष बैठकर सिर्फ मात्र राम नाम ही रख ले और कुछ नहीं यानी हनुमान चालीसा और बजरंग बाण पढ़ने की जरूरत नहीं है मात्र राम नाम से उनका काम हो जाएगा उस व्यक्ति के उस वक्त की कोई भी अभिलाषा हो वह कुछ ही समय में पूर्ण हो जाएगी बस आपकी नियत सच्ची होनी चाहिए | मन साफ होना चाहिए | किसी के प्रति आदेश अहंकार चुगली निंदा नहीं होनी चाहिए और मुंह में जीवा राम नाम होना चाहिए और देखिए दोस्तों मैं आपको बता दूं आप जो मांगोगे हनुमान जी से सच्चे मन से अवश्य मिलेगा यह मेरा पूर्णता विश्वास है क्योंकि जहां जहां राम नाम होता है वहां वहां पर अवश्य ही भगवान हनुमान जी विराजते हैं उनको व भक्त अत्याधिक प्रिय होते हैं जहां पर राम नाम होता है|
श्री राम जय राम जय जय राम अथवा श्री राम राम राम राम राम जप करें हनुमान जी के समक्ष बैठकर |
आप सुबह उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर एक तुलसी पत्र लेकर उसमें श्री सीताराम लिख के हनुमान जी की दक्षिणमुखी मूर्ति के समक्ष खड़े होकर राम नाम बोल कर उनकी छाती पर खुद लगाएं जा पंडित जी से लगाएं फिर अपने मन की जो भी बात हो वह उनके समक्ष रखें और उनकी श्री चरणों में लाल पुष्प अर्पण करें बियर प्रज्वलित करें नवेद अथवा दक्षिणा दें | इस उपाय से करने से भी हनुमान जी प्रसन्न हो |