पशुपति व्रत | Pashupati vrat :->पशुपति व्रत एक प्रसिद्ध हिंदू धार्मिक व्रत है, जो महिलाओं द्वारा श्रद्धा भक्ति से पारम्परिक रूप से माना जाता है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा प्राप्ति के लिए किया जाता है और मांगलिक सुख-शांति और परिवार के समृद्धि के लिए किया जाता है। पशुपति व्रत का उद्देश्य भगवान शिव की पूजा और उनकी कृपा के लिए ध्यान और भक्ति करना होता है।
पशुपति व्रत | Pashupati vrat
पशुपति व्रत का आयोजन वैशाख मास (अप्रैल-मई) के शुक्ल पक्ष के अष्टमी तिथि को किया जाता है। इस व्रत के दौरान, व्रती महिलाएं उषा आरम्भकाल से शिवलिंग पर स्नान करती हैं और शुभ मुहूर्त में पशुपति व्रत का आयोजन करती हैं। इस व्रत में पशुपति व्रत कथा सुनाई जाती है, जिसमें भगवान शिव की महिमा और उनके भक्त पार्वती के भक्ति भाव का वर्णन होता है।
व्रती महिलाएं व्रत की अनुष्ठान करते हुए नियमित रूप से पूजा और अर्चना करती हैं, मन्त्रों का जाप करती हैं, और व्रत के दौरान व्रत की महिमा के गान करती हैं।
पशुपति व्रत का पालन करने से व्रती महिलाओं को धन, सुख, समृद्धि, और परिवार में खुशियाँ मिलती हैं। भगवान शिव और माता पार्वती के आशीर्वाद से उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उनके जीवन में सुख और शांति का आनंद मिलता है।
पशुपति व्रत भक्ति और धार्मिकता का प्रतीक है और भगवान शिव के प्रति भक्ति और श्रद्धा का एक विशेष त्योहार है।
Pashupati vrat 2023 date :- > 31 july 2023