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तू महलों में रहने वाली | Tu Mehalo Me Rehne Vali Lyrics

तू महलों में रहने वाली | Tu Mehalo Me Rehne Vali Lyrics :->हरयाणवी ट्रडिशनल फोक को पहली बार हंसराज रघुवंशी ने अपने अंदाज में प्रस्तुत करने का प्रयास किया हे | आप सब का प्यार बना रहे | जय शंकर महाराज |

तू महलों में रहने वाली | Tu Mehalo Me Rehne Vali Lyrics

तू महलों में रहने वाली,
मैं जोगी जट्टा धारी हूं ।
तेरा मेरा मेल मिले ना,
रहता अटल अटारी हूं ।।

तू महलों में रहने वाली,
मैं जोगी जट्टा धारी हूं ।
तेरा मेरा मेल मिले ना,
रहता अटल अटारी हूं ।।

पर्वत पे मैं कर गुजरा,
मेरा कोई घर वार नहीं ।
व्याह कराके मेरे संभले,
सांस ससुर का प्यार नहीं ।।

तू सेजो पे सोने वाली आ,
खटिया पलग निवास नहीं ।
तू मांगेगी कहाँ से दूंगा,
सीसा हार सिंगार नहीं ।।

तुझे 56 भोज की आदत है,
मैं बिलकुल पेट पुजारी हूं ।
तेरा मेरा मेल मिले ना,
रहता अटल अटारी हूं ।।

तेरे प्यार में होई मैं दीवानी अरे शम्भू ।
तेरे प्यार में होई मैं दीवानी ।।

ब्रह्मा से तू व्याह कराले
ब्राह्मणी बन जावेगी ।
इंद्र से तू व्याह करवाले
इंद्र रानी बन जावेगी ।।

विष्णु से तू व्याह कराले,
पटरानी बन जवेगी ।
मेरे संग में व्याह की हट से,
तेरी हानी बन जाओगी ।।

तू राजा हिमाचल की लड़की,
मैं समशान बिहारी हूं ।
तेरा मेरा मेल मिले ना,
रहता अटल अटारी हूं ।।

तू महलों में रहने वाली,
मैं जोगी जट्टा धारी हूं ।
तेरा मेरा मेल मिले ना,
रहता अटल अटारी हूं ।।

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