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श्री महामाया देवी धाम

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श्री महामाया देवी धाम :-> कश्मीर में 49 शिव धाम। साठ विष्णु धाम।l, तीन ब्रह्मधाम ,   भाई शक्ति धाम। 700 धाम एवं अनेक अन्य  तीर्थ है। परंतु इनमें से। 14 तीर्थ उत्तम माने गए हैं। 14 में से एक है श्री अमरनाथ। जबकि श्री अमरनाथ में ही स्थित पार्वती  पीठ  51 शक्तिपीठों में से एक है।
 

पुराणों के अनुसार इस गुफा में   हिम का शक्ति पीठ स्थापित है। स्थान पर सती माता का कंठ गिरा था। इन ज्योतिर्लिंग के साथ   शक्ति पीठ भी बनता है।  शक्ति पीठ और गणेशपेठ दोनों ही हम पर निर्मित होते हैं।

पार्वती का हिम शिवलिंग की शक्तिपीठ स्थल है। श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को अमरनाथ के साथ-साथ पार्वती शक्तिपीठ का भी दर्शन होता है। यहां माता पार्वती के अंग तथा अंग भूषण की पूजा की जाती है। यहां की शक्ति महामाया तथा भैरव    त्रिचंदेश्वरहै।


 परंतु यात्रियों को यहां शक्तिपीठ की भी पूजा अवश्य करनी चाहिए। बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा भारत के जम्मू कश्मीर राज्य में स्थित है। यहां श्रद्धालु श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन पवित्र गुफा के भीतर भगवान शिव के हिमानी स्वरूप के दर्शन को आते हैं।


अमरनाथ में के शिवलिंग का निर्माण प्रारंभ होता है। और धीरे-धीरे शिव लिंग के आकार का बन जाता है।  तथा पूर्णिमा को परिपूर्ण होकर दूसरे पक्ष में घटने लगता है यहां  कोई मानव निर्मित मंदिर नहीं है सिर्फ  प्रकृति द्वारा निर्मित गुफा है जो   द्वार हीन  है। 60 फीट लंबी 30 फीट चौड़ी और 15 फीट ऊंची प्रकृति द्वारा निर्मित गुफा के बारे में अनेक  रहस्य से सुनने को मिलते हैं।

माता गोरा की शंका (श्री महामाया देवी धाम)

जुगो पूर्व में जब मां पार्वती के मन में यह शंका उत्पन्न हुई थी शंकर जी ने अपने गले में मुंडमाला कब और क्यों धारण की तो भोले शंकर ने उत्तर दिया हे पार्वती जितनी बार तुम्हारा जन्म हुआ उतने ही  मुंड  मैंने धारण कर लिए|


 माता पार्वती बोली। शरीर नाशवान है मृत्यु   को  प्राप्त होता है परंतु आप अमर है इसका कारण बताने का कष्ट करें भगवान शंकर ने रहस्यमई मुस्कान भरी और बोले यह तो अमर कथा के कारण है |

पार्वती के हर्ट करने के कारण उन्हें अमर कथा सुनने के लिए भगवान शिव बाध्य हो गए और भोले शंकर ने पार्वती को इस अमरनाथ गुफा में अमर कथा सुनाने का महत्वपूर्ण कार्य किया इसलिए यह तीर्थ अत्याधिक महत्वपूर्ण है।


 हिम लिंग के कुछ अन्य  तथ्य

 समुंदर तल से  12730   फीट की ऊंचाई पर गुफा में प्रवेश करते ही आंखें उस हिम निर्मित शिवलिंग को निहारने लगती है जिसे प्रकृति ने स्वयं अपने हाथों से बनाया है पावन हिम लिंग एकदम पक्की बर्फ से निर्मित है|

यहां पर भक्तों आकर अपने साथ लाए गंगाजल सा प्रसाद का भगवान शिव को अर्पण करते हैं पास ही गणेश और कार्तिकेय हिम स्वरूप में है और थोड़ा हटकर मां पार्वती का वृहद बर्फ का शिवलिंग है यहां पार्वती  शिवलिंग   51 शक्तिपीठों में से एक है।


 स्थान पर सती का कंठ भाग गिरा था आश्चर्य की बात है कि गुफा में हिंद वार निर्मित शिवलिंग एवं प्राकृतिक पीठ पक्की वर्ग के हैं जबकि गुफा के बाहर दूर-दूर तक हर और कच्ची बर्फ की दिखाई देती है गुफा में जहां-तहां बूंद खून करके चल टपकता रहता है कहते हैं |

कि गुफा के ऊपर एक कुंड है जिसे रामकुंड कहते हैं सुबह शाम दोनों समय भोलेनाथ की आरती होती है| यहां प्रतिवर्ष लगभग 3 या 4  वक्त यहां दर्शन करने आते हैं।

 मार्ग परिचय 

 जम्मू से श्रीनगर 293 किलोमीटर श्रीनगर में पहल गांव 140 किलोमीटर है पहल गांव से पैदल यात्रा प्रारंभ होती है पहलगाम से चंदनवाड़ी 22 किलोमीटर चंद्र बाड़ी से  पंचतरणी है 23 किलोमीटर पंचतरणी से अमरनाथ 6 किलोमीटर है घोड़े डोली पालकी आदि पर्याप्त मात्रा से मिलते हैं 3 दिन में यात्रा पूरी होती है जम्मू से सीधी बस कार द्वारा भी पहलगाम जा सकते हैं।

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