श्री गणेश स्तुति | Shree Ganesh Stuti :->स्तुति का अर्थ होता है अपने प्रिय देवता के प्रति हृदय की भावनाओं को अभिव्यक्त करना। लयबद्ध गायन द्वारा हम उनको धन्यवाद देते हैं और अपनी कृपा हम सदैव बनाए रखे इसके लिए उनसे प्रार्थना करते हैं। महागणाधिपति दिव्य दरबार आपके मनोरथों को पूरा करने वाला अत्यन्त मंगलकारी है।
श्री गणेश स्तुति | Shree Ganesh Stuti
नमामि ते गजाननं अनन्त मोद दायकम्
समस्त विघ्न हारकं समस्त अघ विनाशकम्
मुदाकरं सुखाकरं मम प्रिय गणाधिपम्
नमामि ते विनायकं हृद कमल निवासिनम्॥१॥
भुक्ति मुक्ति दायकं समस्त क्लेश वारकम्
बुद्धि बल प्रदायकं समस्त विघ्न हारकम्
धूम्रवर्ण शोभनं एक दन्त मोहनम्
भजामि ते कृपाकरं मम हृदय विहारिणम्॥२॥
गजवदन शोभितं मोदकं सदा प्रियम्
वक्रतुण्ड धारकं कृष्णपिच्छ मोहनम्
विकटरूप धारिणं देववृन्द वन्दितम्
स्मरामि विघ्नहारकं मम बन्ध मोचकम्॥३॥
सुराणां प्रधानं मूषक वाहनम्
रिद्धि सिद्धि संयुतं भालचन्द्र शोभनम्
ज्ञानिनां वरिष्ठं इष्ट फल प्रदायकम्
सदा भावयामि त्वां सगुण रूप धारिणम् ॥४॥
सर्व विघ्न हारकं समस्त विघ्न वर्जितम्
विकट रूप शोभनं मनोज दर्प मर्दनम्
*सगुण रूप मोहनं गुणत्रय अतीतम्
नमामि ते नमामि ते मम प्रिय गणेशम्॥५॥
namami