मन में बसाकर तेरी मूर्ति | Mann Mai Basakar Teri Murti lyrics :->संपूर्ण आरती | मन में बसा कर तेरी मूर्ति | श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज
मन में बसाकर तेरी मूर्ति | Mann Mai Basakar Teri Murti lyrics
मन में बसाकर तेरी मूर्ति
उतारू में गिरधर तेरी आरती
मन में बसाकर तेरी मूर्ति
उतारू में गिरधर तेरी आरती
करुणा करो कष्ट हरो ज्ञान दो भगवन
भव में फसी नाव मेरी तार दो भगवन
करुणा करो कष्ट हरो ज्ञान दो भगवन
भव में फसी नाव मेरी तार दो भगवन
दर्द की दवा तुम्हरे पास है
जिंदगी दया की है भीख मांगती ।
मन में बसाकर तेरी मूर्ति
उतारू में गिरधर तेरी आरती
मांगु तुझसे क्या में यही सोचु भगवन
जिंदगी जब तेरे नाम करदी अर्पण
मांगु तुझसे क्या में यही सोचु भगवन
जिंदगी जब तेरे नाम करदी अर्पण
सब कुछ तेरा कुछ नहीं मेरा
चिंता है तुझको प्रभु संसार की ।
मन में बसाकर तेरी मूर्ति
उतारू में गिरधर तेरी आरती
वेद तेरी महिमा गाये संत करे ध्यान
नारद गुणगान करे छेड़े वीणा तान
वेद तेरी महिमा गाये संत करे ध्यान
नारद गुणगान करे छेड़े वीणा तान
भक्त तेरे द्वार करते है पुकार
दास अनिरुद्ध तेरी गाये आरती ।
मन में बसाकर तेरी मूर्ति
उतारू में गिरधर तेरी आरती
मन में बसाकर तेरी मूर्ति
उतारू में गिरधर तेरी आरती
मन में बसाकर तेरी मूर्ति
उतारू में गिरधर तेरी आरती