माँ दुर्गा का वाहन सिंह क्यों ? :-मां दुर्गा का वाहन सिंह क्यों? बड़ी-बड़ी। मां दुर्गा देवी का वाहन सिंह है जो मनुष्य अपने जीव तत्व भाग की हिंसा करता है वह वह सिंह धर्मी होता है।
माँ दुर्गा का वाहन सिंह क्यों ?
नीति शास्त्र में आज योगी पुरुष को सिंह की उपमा दी गई है। गीता में साधक श्रेष्ठ अर्जुन को श्रीकृष्ण भगवान ने पुरुष व्याघ्र। कह कर संबोधित किया है। सिंह तथा व्याघ्र समान हिंसा धर्मी है। और दोनों की प्रवृत्ति पराक्रम है।
इस प्रकार के जीवन में ही मां दुर्गा प्रकट होती है। इसी से उनको सिंह वाहिनी कहा गया है। हम लोग के जितने भी देवी देवता हैं सभी के वाहन हैं। जो देव शक्ति जिस प्रकार पशु शक्ति के ऊपर प्रतिष्ठित व प्रचलित होती है। वही उस देवता के वहां रूप में कहा जाता है।
श्री दुर्गा जी महाशक्ति है और सब कार्यों के करने में समर्थ है उनके अंग से ब्रह्मा विष्णु शिव उत्पन्न होते रहते हैं जगत माता की आराधना करके ही मैं पहले पूर्ण मनोरथ को प्राप्त हुआ था और मेरा नाम सर्वत्र प्रसिद्ध हो पाया है।
निसंदेह जगत माता की आराधना अखिल मुर्दों को पूर्ण करती रहती है। जगदंबा की सेवा सर्विस प्रदायिनी होती है। श्री दुर्गा जी के सर्वशक्तिमान होने के कारण उनका वाहन शक्तिमान सिंह है।
वीर दुर्गा महाशक्ति सर्व कार्यक्रम में द्रव्य।
सत्या असीम सृजन थे ब्रह्मा विष्णु महेश्वरा।
आराधन जगन्नाथ कृत्वा पूर्ण मनोरथा।
हां पूरा वत्स नाम सर्वत्र विश्रुतम|