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कृपालु भगवन् कृपा हो करते | Krapalu Bhagwan Kriya Ho Karte lyrics

  • Bhajan

कृपालु भगवन् कृपा हो करते | Krapalu Bhagwan Kriya Ho Karte lyrics :->यह guru bhajan भक्ति भावना को बढ़ाने वाला है | कृपया ऐसे भजन के अपने  अपने परिवार और अपने दोस्तों के साथ शेयर करें धन्यवाद|

कृपालु भगवन् कृपा हो करते | Krapalu Bhagwan Kriya Ho Karte lyrics

कृपालु भगवन् कृपा हो करते
इसी कृपा से नर तन मिला है
दयालु भगवन् दया हो करते
इसी दया से ये मन मिला है ॥

अजर अमर तुम हो सृष्टिकर्ता
अनुपम अनादि हो जग के भर्ता
अभय अजन्मा हो जग के स्वामी
आकार तेरा नहीं मिला है ॥

ब्रह्माण्ड रचते हो तुम स्वयं ही
न शक्तिमत्ता तुम जैसी कोई
कण-कण के योजक हे जगनियन्ता!
इच्छा से तेरी हर कण हिला है ॥

है कैसी अद्भुत कारीगरी ये
जो कोई देखे होता अचम्भित
न हाथ सुई लेकर के धागा
मानुष का चोला कैसे सिला है ॥

हो करते कतरन तुम न्यारी-न्यारी
विविध रंगों से भरी फुलवारी
सौरभ सुमन की मैं जाऊँ वारी
चमन का हर गुल सुन्दर खिला है ॥

विविध खनिज से भरी है वसुधा
क्या स्वर्ण चान्दी क्या ताम्र लौहा
है प्राणवायु कैसी देती जो जीवन
भण्डार जन-धन सबको मिला है ॥

हैं कैसे जलचर रहते ही जल में
अन्दर ही कैसे हैं श्वास लेते
हैं कुछ उभयचर प्राणी जगत् में
टू इन ये वन में मुझको मिला है ॥

है न्यायकारिन्! हो न्याय करते
किया हो जैसा वैसा हो भरते
ना तोलते कम और ना जियादा
चलता निरन्तर ये सिलसिला है ॥

न तुम हो खाते बस हो खिलाते
न तुम हो पीते बस हो पिलाते
भर-भर के आनन्द का रस पिलाया
आनन्द से मन कमल खिला है ॥

पग पाप पथ पर कभी बढे़ ना
पुण्यों की सरणि पर नित बढूँ मैं
नन्दकिशोर बढ़ो अभय मन
मुश्किल से मानव का तन मिला है ॥

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