क्यों की जाती है लक्ष्मी पूजा दीपावली की रात्रि में?:->दीपावली पर्व के विषय में जनमानस में अलग-अलग धारणाएं हैं। कई लोग मानते हैं कि इस दिन भगवान राम ने 14 वर्ष का वनवास पूर्ण कल अयोध्या में कदम रखा था। इसी में दीप जला कर उनका स्वागत किया था तभी से यह परंपरा चली आ रही है।
क्यों की जाती है लक्ष्मी पूजा दीपावली की रात्रि में? | Deepawali ki Ratri mein Lakshmi pooja
वास्तव में दीपावली तो भगवान राम के समय में भी मनाई जाती थी। मेरे धर्म ग्रंथों में दीपावली की रात्रि का कालरात्रि की संज्ञा दी है। यह रात्रि श्री महालक्ष्मी सिद्धि का सबसे अच्छा अवसर कहा गया है। तंत्र में दीपावली की रात्रि को शक्ति रात्रि कहा गया है। दीपावली की रात्रि के चार पैरों का अलग-अलग महत्व बदला या गया है।
तंत्र साधना के लिए दीपावली की रात में तीसरे चौथे पहर को उत्तम माना गया है। ऐसा कहा गया है कि महानिशा काल में किए गए तंत्र मंत्र शीघ्र फलदायक होते हैं। इस काल में लक्ष्मी के साथ-साथ काली महाकाल की साधना करें तो सफलता अवश्य ही कदम चूमेगी। इसलिए ही दीपावली की रात्रि में फिर महालक्ष्मी का पूजा का विधान है।
क्यों की जाती है लक्ष्मी पूजा दीपावली की रात्रि में?